पश्चिम बंगाल सरकार बिहार सीमा से सटे इलाको मेें बड़े विवाह घर बनाने की योजना बना रही है। पश्चिम बंगाल सरकार का ये मानना है कि इससे उसकी पश्चिमी सीमा पर बसे राज्य बिहार के लोग शादियां करने के लिए उनके राज्य में आएंगे। इसके पीछे कारण यह है कि बिहार में शराब प्रतिबंधित है जबकि पश्चिम बंगाल में नहीं है। इसलिए वे अपने शादी के फंक्शन को पश्चिम बंगाल में शिफ्ट जरूर करना चाहेंगे। इस बारे में पश्चिम बंगाल के पर्यटन मंत्री गौतम देब ने कहा,”हमें पता चला कि बिहार के कई परिवार अपनी शादियों के स्थल को बिहार से सटे दूसरे राज्यों के इलाकों जैसे उत्तर प्रदेश के बनारस या फिर झारखंड के कोडरमा और रांची में शिफ्ट कर रहे हैं। कुछ लोगों ने तो महंगी कीमतों पर अपने शादी समारोह को बिहार से कोलकाता भी शिफ्ट किया है। ​अगर हम पूर्वी बिहार के लोगों को बंगाल से सटे इलाकों में विवाहघर उपलब्ध करवाएंगे, तो उन इलाकों के लोग कम खर्च में अपने विवाह स्थल को शिफ्ट कर सकेंगे। इससे कुछ राजस्व राज्य भी कमा लेगा।”

इस काम के लिए अभी तक छह टाउनशिप को चुना गया है। इनमें उत्तरी दिनाजपुर जिले के दलखोला, करंदिघी, रायगंज शामिल हैं और पश्चिमी बर्दवान जिले के रानीगंज, आसनसोल और दुर्गापुर शामिल हैं। पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने बताया,”इन विवाह स्थलों का रखरखाव राज्य पर्यटन विभाग के जिम्मे होगा। इसके जरिए बिहार की निजी पर्यटन एजेंसियों से कमिशन लेकर हॉल की बुकिंग करवाई जा सकेगी। बार लाइसेंस के अलावा इन विवाह समारोह स्थलों में बड़े हॉल, अतिथि कक्ष, लॉन और अन्य आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। इन विवाह स्थलों की बुकिंग की कीमतों को सुविधाओं के सापेक्ष रखकर जल्द ही बता दिया जाएगा। ये इस पर भी निर्भर करेंगी कि किस किस्म की सुविधाएं ज्यादातर विवाह करने वालों को चाहिए?”

बिहार सरकार ने अप्रैल 2016 में राज्‍य में पूर्ण शराबबंदी लागू करने का आदेश दिया था। (फोटो- एजेंसी)

इस कदम की सबसे बड़ी विशेषता शराब है। आबकारी विभाग से आने वाला टैक्स साल 2017-18 में पश्चिम बंगाल की कुल अर्थव्यवस्था का 19 फीसदी था। बिहार सरकार ने अप्रैल 2016 में शराब पर प्रतिबंध लगाया था, तभी से बंगाल सरकार मुनाफे में चल रही है। साल 2017—18 में बंगाल सरकार का राजस्व अनुमानित 8,700 करोड़ रुपये के आसपास था। ये चमत्कार 5,710 करोड़ रुपये के अनुमानित बजट में 50 फीसदी से ज्यादा उछाल आने के कारण हुआ था। साल 2018—19 के लिए बंगाल के वित्त मंत्री ने उत्पाद विभाग के संग्रह में पिछले साल की तुलना में 82 फीसदी की बढ़ोत्तरी का लक्ष्य रखा है।

पश्चिम बंगाल की करनदिघी सीट से तृणमूल कांग्रेस के विधायक मनोतोष देब इसे सही कदम मानते हैं। उनकी सीट बिहार से सटे उत्तरी दिनाजपुर जिले में आती है। उन्होंने मीडिया से कहा,”ऐसी परियोजना से स्थानीय निवासियों को रोजगार मिलेगा। न सिर्फ विवाह स्थल बल्कि इससे जुड़ी अन्य चीजों जैसे सजावट करने वालों, फूल वालों और हलवाई के धंधे में भी जबरदस्त बूम आ गया है। वहीं उत्तरी दिनाजपुर जिले में उसी वक्त से शराब की बिक्री जबरदस्त तरीके से बढ़ गई है जबसे बिहार सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगाया है।”