पश्चिम बंगाल की बालीगंज विधानसभा सीट से विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो अभी तक शपथ नहीं ले सके हैं, इसके पीछे वजह है विधानसभा स्पीकर बिमान बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच जारी खींचतान। इसको लेकर राज्य में सियासत गरमाई हुई है।
राज्यपाल ने 30 अप्रैल (शनिवार) को संविधान के अनुच्छेद 188 का हवाला देते हुए डिप्टी स्पीकर आशीष बनर्जी को जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसमें कहा गया कि विधानसभा के नए सदस्यों को ‘राज्यपाल के सामने शपथ लेनी चाहिए। परंपरा के अनुसार, यह हमेशा विधानसभा स्पीकर का कार्यक्षेत्र रहा है लेकिन राज्यपाल ने पिछले साल से बिमान बनर्जी को शपथ दिलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
वहीं, सोमवार को आशीष बनर्जी ने राज्यपाल के निर्देशों को मानने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि केवल स्पीकर की अनुपस्थिति में ही डिप्टी स्पीकर कार्य कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “अगर मुझे राजभवन से कोई आदेश मिलता है, तो मैं यह कहते हुए उनको वापस लिखूंगा कि अध्यक्ष की मौजूदगी में मैं सुप्रियो को पद एवं गोपनीयता की शपथ नहीं दिला पाऊंगा।”
दूसरी तरफ, संसदीय कार्यमंत्री पार्थ चटर्जी और बिमान बनर्जी ने इस विवाद का हल निकालने के लिए मुलाकात की, जबकि बाबुल सुप्रियो ने भी राज्यपाल जगदीप धनखड़ से अपील करते हुए कहा कि वे विधानसभा स्पीकर को शपथ दिलाने की अनुमति दें। हालांकि, राज्यपाल ने संविधान का हवाला देते हुए बाबुल सुप्रियो के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।
धनखड़ ने यह भी कहा कि विधायक चुने जाने के 11 दिन बाद बाबुल सुप्रियो 27 अप्रैल को शपथ ग्रहण समारोह पर चर्चा करने के लिए बिमान बनर्जी से मिले थे, जबकि संविधान के अनुसार, पूर्व केंद्रीय मंत्री को पहले उनसे संपर्क करना चाहिए था। वहीं, बाबुल सुप्रियो ने राज्यपाल से एक बार फिर अनुरोध किया कि स्पीकर को शपथ दिलाने की अनुमति प्रदान करें। सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस विवाद को खत्म करने के लिए राजभवन को एक पत्र भेजकर धनखड़ से सुप्रियो को शपथ दिलाने का अनुरोध करेगी। बता दें कि बालीगंज सीट पर 12 अप्रैल को मतदान हुआ था और 16 अप्रैल को नतीजे घोषित हुए थे।