प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर हिंसा के ‘पुराने खेल’ पर उतर आने का आरोप लगाया और कहा कि लोकतंत्र के उत्सव में भी वह माताओं-बहनों के आंसूओं की वजह बन रही हैं।

बंगाल के नदिया जिले के कृष्णानगर में शनिवार को एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा किया कि ममता बनर्जी ने जिस अल्पसंख्यक समाज को ‘बहलाया-फुसलाया’ वही आज भ्रष्टाचार और बेकारी से परेशान है और औरतों के साथ अपराध होते रहे, लेकिन वह तीन तलाक कानून का विरोध करती रहीं। उन्होंने दावा किया कि राज्य की जनता तृणमूूल सरकार से त्रस्त हो चुकी है और विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलने जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज वे (ममता) चुनाव आयोग, केंद्रीय और ईवीएम को गलत ठहरा रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ममता इतनी हताश हो चुकी हैं कि बंगाल के मतदाताओं को ही ‘बदनाम’ कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि चुनाव में हार निश्चित देख वे अपने पुराने खेल पर उतर आई हैं। बंगाल में तृणमूल द्वारा हिंसा की कोशिश की जा रही है। लोकतंत्र के उत्सव में भी आप माताओं-बहनों के आंसू की वजह बन रही हैं। मोदी ने कहा कि जो केंद्रीय बल पूरे देश में निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराता है, उसे भी ममता बनर्जी नहीं बख्श रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह 2021 का बंगाल है, अब आपको लोकतंत्र से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि बंगाल के लोगों को जितना डराने और उनमें भय फैलाने की कोशिश की जा रही है, उतने ही अधिक लोग एकजुट हो रहे हैं।

अल्पसंख्यक युवाओं में बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘दीदी की सरकार’ में उन्हें बेकारी, लाठियों और अपमान के सिवाय कुछ नहीं मिला। अल्पसंख्यक मतदाताओं से ममता की अपील का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘जिस अल्पसंख्यक समाज तृणमूल ने बहलाया-फुसलाया, आज वही कटमनी और सिंडिकेट से परेशान है और बेकारी से निराश है। बहन-बेटियों के साथ जघन्य अपराध हो रहे हैं। तीन तलाक की प्रथा खत्म करने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन मुसलिम बहनों व बेटियों ने तृणमूल को इतना प्यार दिया, उनके साथ तृणमूल ने बुरा किया।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने तीन तलाक की प्रताड़ना से मुक्त करने के लिए सख्त कानून बनाया। लेकिन मुख्यमंत्री मुसलिम बहनों के ही विरोध में खड़ी हो गईं। ये बहन-बेटियां भी आजादी चाहती हैं। लेकिन तृणमूल ने उनसे ज्यादा कट्टरपंथियों की चिंता की। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि केंद्र सरकार की मुद्रा योजना के तहत बिना बैंक गारंटी नौजवानों को, महिलाओं को ऋण दिए गए और पांच-छह सालों में रोजगार के करोड़ों नए अवसर बने।

उन्होंने कहा कि बंगाल की भी अनेक महिलाओं को इसका लाभ हुआ है। उन्होंने दावा किया कि शिल्प, व्यापार, नौकरी और निवेश तृणमूल कांग्रेस सरकार की प्राथमिकता में ही नहीं है।

उन्होंने कहा कि तृणमूल को सिर्फ तोलाबाजी में महारत है। प्रधानमंत्री ने यह भी दावा किया कि बिचौलियों और कोल्ड स्टोरेज के सिंडिकेट ने राज्य के किसानों को बहुत परेशान किया है और राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही इनकी कमर तोड़ी जाएगी।

ममता बनर्जी के बनारस से चुनाव लड़ने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इसे भी मुख्यमंत्री का एक खेल करार दिया। उन्होंने कहा कि हार तय देखकर मुख्यमंत्री ने बाहर की राजनीति करने का फैसला कर लिया।