यूपी में जारी नाम बदलने का सिलसिला ममता के गढ़ पश्चिम बंगाल भी पहुंच गया है। हालांकि नाम सरकार द्वारा नहीं बदला गया है। इसे बदला है बीजपी की विचारधारा वाली विश्व हिंदू परिषद ने। इसे लेकर ही विहिप औऱ ममता सरकार आमने सामने आ गए हैं। सरकारी दस्तावेजों में लिखे इस्लामपुर को रातों रात ईश्वरपुर कर दिया गया। इस पर कार्यवाई करते हुए सरकार ने विहिप के स्कूल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। विहिप पहले भी टाउन का नाम बदलने की मांग कर चुका है।
एबीपी की खबर के मुताबिक, बंगाल के उत्तर दीजापुर में स्थित इस्लामपुर के आरएसएस और वीएचपी के सरस्वती शिशु मंदिर के बोर्ड, कार्यालयों और वाहनों पर पहचान के तौर लिखे इस्लामपुर को बदलकर ईश्वरपुर कर दिया गया। इस बारे में स्कूल के प्रिंसिपल को भी किसी तरह की कोई जानकारी होने से इंकार कर दिया। उन्हें नहीं मालूम कि रात भर में इस्लामपुर की जगह ईश्वरपुर किसने कर दिया। स्कूल के सरकारी दस्तावेजों में नाम अभी भी इस्लामपुर ही है। इस बारे में इश्वरपुर लिख दिया गया। मामले पर वीएचपी के प्रवक्ता ने बताया कि वह जगह ईश्वरपुर ही है।
जगह का नाम बदले जाने पर राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि, कोई इस तरह से नाम नहीं बदल सकता। हालांकि उन्होंने कहा अभी मामला उनके सज्ञान में नहीं आया है। उन्होंने जांच करने का निर्देश दे दिए हैं।
वहीं दूसरी ओर नाम बदलने के लिए पश्चिम बंगाल का नाम बदलने के लिए मुख्यमत्री ममला बनर्जी इंतजार कर रही हैं। सरकार ने बीते साल जुलाई में राज्य का नाम बदलकर बांग्ला करने के लिए मोदी सरकार को भेजा था। लेकिन अभी तक सहमति नहीं बन पाई है।
दो बार पहले भी ममता बनर्जी बंगाल का नाम को बदलने का प्रस्ताव भेज चुकी हैं। ममता सरकार ने साल 2011 में राज्य का नाम पश्चिम बांग्ला करने के लिए उस वक्त की मनमोहन सरकार के पास भेजा था, जो नामंज़ूर कर दिया गया था। राज्य सरकार ने दूसरा प्रस्ताव दो साल पहले 26 अगस्त 2016 को भेजा था। जिसमें कहा गया था कि बंगाल का नाम हिंदी में बंगाल, अंग्रेज़ी में बेंगाल और बंगाली में बांग्ला किया जाए। हालांकि कि इस प्रस्ताव को भी केंद्र सरकार ने अलग अलग भाषाओं के आधार पर नामंज़ूर कर दिया था।