रविवार को दक्षिण कोलकाता के हरिदेबपुर में प्लास्टिक की शीट में लिपटे हुए 14 इंसानी भ्रूण मिलने से सनसनी फैल गई। ये सभी भ्रूण एक खाली प्लॉट की झाड़ी से मिले हैं। हालांकि पुलिस ने इस मामले में अन्य कोणों से इंकार नहीं किया है। ये भी कहा जा रहा है कि इन भ्रूण को अवैध गर्भपात के बाद यहां फेंक दिया गया है।
कोलकाता के मेयर सोवन चटर्जी ने पुलिस आयुक्त राजीव कुमार और अन्य अधिकारियों के साथ घटनास्थल का दौरा किया है। मेयर ने बताया, ”सभी भ्रूण केमिकल में डूबे हुए हैं और यहां तक कि उन्हें फेंके जाने के बाद भी उनमें कोई दुर्गंध और सड़न के लक्षण नहीं मिले हैं। अभी तक कुल 14 भ्रूण बरामद किए गए हैं। हम झाड़ियों की सफाई करवा रहे हैं ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं और अधिक भ्रूणों को तो यहां नहीं फेंका गया है। पुलिस को शक है कि इस मामले में अवैध गर्भपात का रैकेट चलाने वालों का हाथ हो सकता है। सभी नजदीकी नर्सिंगहोम, निजी अस्पतालों और क्लीनिक जांच के दायरे मेें हैं।”
#SpotVisuals: Skeleton of 14 babies have been found wrapped in plastic bags in Kolkata’s Haridevpur. Police have started an investigation. #WestBengal pic.twitter.com/e8jp80rwRI
— ANI (@ANI) September 2, 2018
बेहाला के डिप्टी कमिश्नर आॅफ पुलिस नीलंजन बिस्वास ने कहा,” हम मामले की जांच करवा रहे हैं और इस मामले में जांच शुरू कर दी गई है। झाडियां और पेड़ हटाने के दौरान भ्रूण प्लास्टिक की शीट में बंद पाए गए। ये सभी भ्रूण इसी प्लॉट में कई जगह बिखरे हुए थे। भ्रूण चाहरदीवारी के पास पाए गए। ये जमीन दलदली है और इसमें झाड़ियां और पानी भरा हुआ है। शायद इसीलिए भ्रूणों को यहां फेंका गया कि यहां पर किसी की निगाह उन पर नहीं पड़ेगी।”
पुलिस अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सभी भ्रूण को पोस्टमार्टम के लिए एसएसकेएम अस्पताल भेजा गया है। कुछ भ्रूणों को पोस्टमार्टम के लिए एमआर बांगर अस्पताल भी भेजा गया है। ये रिपोर्ट आने के बाद तय किया जा सकेगा कि इन भ्रूणों को पैदा होने से पहले मार दिया गया या फिर पैदा होने के बाद मारा गया। हम स्थानीय लोगों से भी बात करने की कोशिश कर रहे हैं कि ये भ्रूण यहां कैसे आए?”
जिस खाली प्लॉट में भ्रूण मिले हैं, वह करीब 22 कट्ठे का है। ये पूरा प्लॉट झाड़ियों से भरा हुआ है। इसे हाल ही में विकास और निर्माण के लिए बेचा गया था। प्लॉट चारों तरफ से टिन की चादरों से ढका हुआ है। लेकिन कई जगह स घुसने की जगह बची हुई है। हालांकि रविवार की दोपहर झाड़ियां हटाते वक्त प्लास्टिक की पन्नी में लिपटे भ्रूण बरामद हो गए। एक स्थानीय नागरिक ने बताया कि इस प्लॉट में कोई रोशनी नहीं होती है। इसलिए सूर्यास्त के बाद इस इलाके में किसी को पहचान पाना असंभव है।