पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में माकपा के कार्यकर्ताओं ने पुलिस अफसर पर केरोसिन तेल डालकर जलाने की कोशिश की। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस के सिपाहियों ने अफसर को बचाया और तेल छिड़कने के आरोपी दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। ये माकपा कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर जिले के इस्लामपुर में पुलिस फायरिंग में दो छात्रों की मौत के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे।
इस्लामपुर में पुलिस की कथित फायरिंग से दो छात्रों की मौत पर विरोध-प्रदर्शन करने के लिए माकपा कार्यकर्ता सिलीगुड़ी में जमा हुए थे। सोमवार (24 सितंबर) को आयोजित किए गए इस प्रदर्शन के लिए माकपा कार्यकर्ता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला लेकर आए थे। कार्यकर्ताओं की तैयारी इस पुतले को फूंकने की थी। जब कार्यकर्ता इस पुतले पर केरोसिन डालकर फूंकने के लिए लाए। इसी बीच पुलिस ने इस पुतले को छीनने की कोशिश की। पुलिस के पुतला छीनने पर कार्यकर्ताओं ने पुलिस अफसरों पर ही केरोसिन छिड़क दिया। उन्हें जलाने की कोशिश भी की गई।
The Left cadres protesting in Hill Cart road in Siliguri poured kerosene oil on the police personnel.
They were protesting against the police firing on students, which claimed two lives in Islampur in Dinajpur district of West Bengal. #ReporterDiary (@manogyaloiwal) pic.twitter.com/G750dsNqFM— India Today (@IndiaToday) September 25, 2018
पुलिस के सिपाहियों ने किसी तरह से अफसरों को वहां से बचाकर निकाला। इसके बाद पुलिस ने सोमवार की रात ही दो माकपा नेताओं पार्थ मैत्र और सुब्रत चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा करीब 10 अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापे मारे जा रहे हैं। माकपा के कार्यालय अनिल विश्वास भवन के सामने भी पुलिस ने घेराबंदी की हुई है।
माकपा कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी एसीपी ईस्ट अचिंत दासगुप्त की छापामारी में हुई है। स्थानीय मीडिया ने पुलिस अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि घटना के समय मौके पर मेयर और विधायक अशोक नारायण भट्टाचार्य और जीवेश सरकार भी मौजूद थे। पुलिस ने इस मामले में 10 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने इस प्रदर्शन की वीडियोग्राफी भी करवाई थी।
कार्यकर्ताओं को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए जाने की माकपा नेता अशोक नारायण भट्टाचार्य ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने स्थानीय मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि माकपा ऐसी पुलिस कार्रवाइयों से डरने वाली नहीं है। कार्यकर्ता फिर से सड़क पर उतरकर पुलिस के अत्याचारों का विरोध करेंगे। इस्लामपुर के बाद सिलीगुड़ी में भी पुलिस और माकपाइयों का संघर्ष जोर पकड़ने लगा है।