शंकर जालान 

कोलकाता से करीबन 65 किलोमीटर दूर हुगली जिला स्थित तारकेश्वर मंदिर के विकास के लिए पांच करोड़ की धनराशि देने का एलान करके पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने जितनी वाहवाही नहीं लूटी, उससे कहीं ज्यादा उनकी (ममता) आलोचना तब हुई जब उन्होंने राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकीम को तारकेश्वर डेवलपमेंट बोर्ड (टीडीबी) का अध्यक्ष बनाया। तारकेश्वर धाम भगवान शंकर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में न केवल पश्चिम बंगाल से दर्शन करने श्रद्धालु पहुंचते हैं, बल्कि दूसरे राज्यों से हजारों लोग जलाभिषेक करने आते हैं। तारकनाथ इस्टेट के तहत तारकनाथ ट्रस्टी बोर्ड से संचालित तारकेश्वर मंदिर के आसपास के दुकानदार, दर्शनार्थियों के अलावा यहां के पुजारी भी हाकीम को टीडीबी अध्यक्ष बनाने से खफा हैं। तारकेश्वर मंदिर के पुरोहित मंडली के अध्यक्ष रवींद्रनाथ चटर्जी कहते हैं कि हिंदुओं के अलावा किसी को भी मंदिर परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

वहीं, तृणमूल कांग्रेस के पार्षद व पुरोहित मंडली के सचिव संदीप चक्रवती का मत है कि मुख्यमंत्री ने जिन्हें टीडीबी का अध्यक्ष बनाया है वे राज्य के शहरी विकास मंत्री हैं। पुरोहित मंडली के अध्यक्ष रवींद्रनाथ चटर्जी ने ‘जनसत्ता’ से कहा कि ममता बनर्जी ने पांच करोड़ रुपए देने की बात कही, यह स्वागत योग्य है। इस राशि का इस्तेमाल विकास में किया जाएगा, लेकिन टीडीबी अध्यक्ष पर लिया गया फैसला असहज लग रहा है। रवींद्रनाथ ने कहा कि मंदिर के करीबन तीन सौ साल के इतिहास में यह पहला मौका है, जब अल्पसंख्यक समाज के किसी व्यक्ति को जोड़ा गया है।चटर्जी ने कहा कि अभी तो केवल एलान भर हुआ है। कुछ दिनों बाद सावन शुरू हो जाएगा और मंदिर में कांवड़ चढ़ाने वाले व दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगना भी, इसीलिए हम लोग व्यस्त हो जाएंगे। इस बाबत मुख्यमंत्री से सावन के बाद बात करेंगे।