देश की पहली ट्रांसजेंडर प्रिंसिपल मनाबी बंधोपाध्याय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। 18 महीने पहले ही मानबी बंदोपाध्याय को पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर वुमन्स कॉलेज की जिम्मेदारी मिली थी। मानबी ने इस्तीफे के पीछे कॉलेज के कुछ टीचर और छात्रों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि कॉलेज के स्टाफ ने उन्हें सहयोग नहीं किया। मानबी का कहना है कि उनके पदभार संभालने के बाद से ही कॉलेज में उनके खिलाफ खेमेबाजी शुरू हो गई थी। जिस कारण कॉलेज का माहौल खराब हो गया। अपने खिलाफ घेराव और लगातार हो रहे प्रदर्शनों से तंग आकर मनाबी ने आखिरकार 23 दिसंबर को अपना इस्तीफा दे दिया। मनाबी ने डेढ़ साल पहले प्रिंसिपल का पद संभाला था, शायद वह देश की पहली ट्रांसजेंडर हैं, जो किसी शैक्षणिक संस्थान की प्रिंसिपल बनीं।

गुरुवार को मनाबी ने कहा, ‘मैंने 23 दिसंबर को डीएम को अपना इस्तीफा भेज दिया। मेरे सारे सहकर्मी और स्टूडेंट्स मेरे खिलाफ थे। मैंने कॉलेज में अनुशासन और स्वस्थ वातावरण बहाल करने की कोशिश की लेकिन मेरी कोशिश नाकाम रही।’ वहीं दूसरी ओर, टीचर्स ने भी मानबी पर यही आरोप लगाए हैं। जिसके चलते कॉलेज का माहौल तनावपूर्ण हो गया था। इस विवाद के सुलझाने के लिए पिछले दिनों प्रशासन ने अफसरों की एक टीम को कॉलेज का दौरा करने भेजा था। टीम ने प्रिंसिपल-टीचर्स से बात भी की थी। वुमन्स कॉलेज की प्रिंसिपल बनने से पहले मानबी विवेकानंद सतोवार्षिकी महाविद्यालय में बांग्ला की एसोसिएट प्रोफेसर थीं। मामले पर संज्ञान लेते हुए नादिया के डीएम सुमित गुप्ता ने कहा कि प्रिंसिपल मनाबी का इस्तीफा उन्हें मिल गया है और उसे बुधवार को उच्च शिक्षा विभाग को भेज दिया गया है। आगे की कार्रवाई विभाग करेगा और जल्द कोई फैसला लिया जाएगा।