प्रभाकर मणि तिवारी
कहीं चावल के साथ नमक तो कहीं भोजन में कीड़े। यह है पश्चिम बंगाल के स्कूलों में मध्याह्न भोजन का हाल। बीते सप्ताह ऐसे कई मामले सामने आने के बाद अब तृणमूल सरकार की नींद टूटी है। उसने अब सप्ताह के हर दिन के लिए मिड-डे मील का मेन्यू तय कर दिया है। सरकार ने दो शिक्षकों को निलंबित भी कर दिया है। साथ ही दलील दी है कि मिड-डे मील पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। हुगली जिले के दो स्कूलों में छात्रों को चावल के साथ नमक देने की घटना के बाद इसी सप्ताह पश्चिम मेदिनीपुर के एक आंगनवाड़ी केंद्र में छात्रों के भोजन में कीड़े चलने की घटना भी सामने आई है। इस मामले की जांच का आदेश दे दिया गया है।
हुगली जिले के चुंचुड़ा बालिका मंदिर स्कूल में छात्राओं को खिचड़ी के साथ अंडे और सोयाबीन देने के बजाय चावल और नमक देने का पता तब चला जब इलाके की भाजपा सांसद लाकेट चटर्जी ने स्कूल का औचक दौरा किया। उन्होंने आरोप लगाया था कि मिड-डे मील के लिए आवंटित रकम तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता की जेब में चली गई है। इसके बाद कथित घटना का वीडियो भी वायरल होने लगा। दिलचस्प बात यह है कि स्टॉक में अंडों से लेकर 257 बोरी चावल तक की खरीद दिखाई गई थी। लेकिन वहां कोई सामान था ही नहीं।
सांसद लाकेट चटर्जी का दावा है कि मिड-डे मील में महीनों से घोटाला चल रहा है। चुनावों से पहले भी उनको इसकी सूचना मिली थी। स्कूल के कुछ शिक्षकों ने इस बारे में बताया था। उन्होंने बताया कि छात्रों को सूखे चावल खाने के लिए मजबूर किया जाता है। पांच हजार अंडे खरीदने में 25,000 रुपये खर्च किए गए हैं लेकिन छात्रों को कुछ भी नहीं दिया गया है। 257 बोरी चावल गायब है। सांसद ने कहा कि छात्रों के भोजन के अधिकार का हनन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने विभागीय जांच के आदेश देते हुए कहा है कि स्कूलों में दिए जाने वाले मिड-डे मील को लेकर किसी तरह का भ्रष्टाचार बेहद अमानवीय है। सरकार ने संस्थान के दो शिक्षकों को निलंबित कर मिड-डे मील का मेन्यू तय कर दिया है। स्कूली शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक जांच के आधार पर उक्त स्कूल के एक पूर्व शिक्ष प्रभारी और मौजूदा प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। फिलहाल जांच चल रही है और रिपोर्ट के आधार पर आगे भी कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा विभाग ने तमाम जिलाशासकों को एक अधिसूचना भेज कर स्कूलों में मिड-डे मील के मेन्यू का पालन करने का निर्देश दिया है। साथ ही मिड-डे मील के स्थानीय स्तर के अधिकारियों और शिक्षा विभाग के सुपरवाइजरों को मिड-डे मील की निगरानी के लिए 24 से 31 अगस्त तक संबंधित इलाके के स्कूलों का दौरा करने का निर्देश देने को कहा गया है। उनको रोजाना इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेजनी होगी। शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी कहते हैं कि सरकार समुचित मिड-डे मील सुनिश्चित करने की दिशा में हर संभव कदम उठाएगी और छात्रों को तय मेन्यू से वंचित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में शून्य सहनशीलता की नीति अपनाएगी।