असेंबली चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर पहले ही ममता सरकार और तृणमूल तमाम तरह के आरोप झेल कही है। लेकिन फिर भी पार्टी के नेता बाज नहीं आ रहा। ताजा मामले में ममता बनर्जी के विधायक ने अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर ऐसी बात की है जो तीखा मुद्दा बन रही है।
दरअसल, तृणमूल के विधायक कल्याण घोष एक वीडियो में पार्टी कार्यकर्ताओं से ये सुनिश्चित करने को कह रहे हैं कि विपक्षी दलों को अगले साल के पंचायत चुनाव में उम्मीदवार नहीं खड़ा करने दिया जाए। अगर फिर भी वो ऐसा करते हैं तो उन उम्मीदवारों को एक भी वोट नहीं मिलना चाहिए।
द प्रिंट के मुताबिक रविवार को वायरल हुए वीडियो में घोष ने कहा कि हम एक ऐसे दिन का इंतजार कर रहे हैं जब विपक्ष के पास 2023 के पंचायत चुनाव में दोमजुर में कोई उम्मीदवार नहीं हो। यदि विपक्षी दल उम्मीदवार उतार भी दे, तो आप लोग सुनिश्चित करें कि उनका एक भी उम्मीदवार न जीत पाए।
हालांकि हावड़ा जिले के दोमजुर से विधायक का आरोप है कि वीडियो में उनके बयान का सिर्फ एक हिस्सा ही रखा गया है। जो सामने है वो संदर्भ से बाहर है और बाकी हिस्से को विपक्षी दल ने हटा दिया है। तृणमूल नेता ने बाद में मीडिया से कहा कि हमें इस तरह से संगठन बनाना चाहिए कि हर व्यक्ति दीदी का समर्थक हो और विपक्ष को चुनाव में एक भी वोट न मिले। मीडिया के सामने उनकी भाषा वायरल वीडियो की तुलना में बदली हुई थी।
उधर, भाजपा का कहना है कि इससे लोकतंत्र के प्रति बंगाल सरकार की घृणा दिखती है। घोष की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा सचिव उमेश राय ने कहा कि 2018 में हुए पिछले पंचायत चुनाव में बड़े पैमाने पर चुनावी धांधली हुई। विपक्षी उम्मीदवारों पर हमले किए गए थे। तृणमूल नेता शोभनदेव चटर्जी ने कहा कि घोष की टिप्पणी की पड़ताल से पहले वो इस मुद्दे पर कुछ नहीं कह सकते।
