West Bengal SSC Recruitment Scam News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कलकत्ता के पीएमएलए स्पेशल कोर्ट में पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी सहित आठ आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत (Prosecution Complaint) दर्ज कराई है। ईडी अधिकारियों के अनुसार मनी लॉन्ड्रिंग के लिए छह संस्थाओं का इस्तेमाल किया गया था। पार्थ और अर्पिता ने मेसर्स एचे एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड, अनंत टेक्सफैब प्राइवेट लिमिटेड, सिम्बायोसिस मर्चेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, सेंट्री इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड, व्यूमोर हाईराइज प्राइवेट लिमिटेड और एपीए यूटिलिटी सर्विसेज का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया।

स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को अभियोजन शिकायत का संज्ञान लेते हुए पाया कि 8 आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनाया गया है। बता दें कि ईडी ने सोमवार को शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के खिलाफ अपना पहला आरोप पत्र दायर किया था। ईडी ने 14 हजार पन्नों की चार्जशीट दायर की है

कोलकाता की बैंकशाल अदालत में दायर चार्जशीट में ईडी ने कहा कि उसने अब तक 103.10 करोड़ रुपये की नकदी, आभूषण और अचल संपत्ति का पता लगाया है। 14,000 पन्नों में 35 बैंक खातों, 40 अचल संपत्तियों, 31 जीवन बीमा पॉलिसियों और 201 शेल कंपनियों का विवरण ईडी ने कोर्ट को सौंपा है, जो जांच के दायरे में हैं।

ईडी ने चार्जशीट में दावा किया गया है कि पार्थ चटर्जी ने 2014 से 2021 के बीच शिक्षा मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कई शेल कंपनियों का गठन किया। इन सभी कंपनियां का गठन सरकारी स्कूलों में नौकरी के बदले में अपात्र उम्मीदवारों द्वारा भुगतान की गई रिश्वत को लूटने के लिए किया गया था। ईडी ने दावा किया कि बेरोजगार और गरीब लोगों को शेल कंपनियों का निदेशक बनाया गया और इनकी सैलरी 5000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच थी।

ईडी ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था। ये दोनों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। दोनों आरोपियों को 28 सितंबर को फिर से विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। बता दें कि ईडी ने पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुख़र्जी की 48 करोड़ की संपत्ति अटैच की है। ईडी ने दावा किया है कि ये सारी संपत्ति पार्थ चटर्जी और उनके नजदीकियों के नाम है।