कलकत्ता हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की कूचबिहार से प्रस्तावित ‘रथ यात्रा’ को अनुमति देने से इंकार कर दिया है। गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट को राज्य सरकार के महाधिवक्ता (एजी) ने बताया कि अमित शाह की रथ-यात्रा और रैलियों से सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता है। कोर्ट ने अब इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 9 जनवरी तय की है। एजी किशोर दत्ता ने अदालत को बताया कि कूचबिहार के पुलिस अधीक्षक ने शुक्रवार से भाजपा अध्यक्ष की प्रस्तावित रथ यात्रा को अनुमति देने से इंकार कर दिया है। बीजेपी कूचबिहार के अलावा दक्षिण 24 परगना और बीरभूम जिलों में रैलियां आयोजित करने वाली थी। कोर्ट ने इन्हें भी फिलहाल स्थगित कर दिया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह का राज्य में पार्टी की ‘लोकतंत्र बचाओ रैली’ आयोजित करने का कार्यक्रम है जिसमें तीन ‘रथ यात्राएं’ शामिल हैं। राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि इस यात्रा से सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता है। दत्ता ने कहा कि जिला में सांप्रदायिक तनाव का इतिहास रहा है और वहां से ऐसी सूचना है कि सांप्रदायिकता को उकसाने वाले कुछ लोग और उपद्रवी तत्व वहां सक्रिय हैं। पुलिस अधीक्षक (एसपी) द्वारा अनुमति देने से इंकार करने संबंधी पत्र में उल्लेख किया गया है कि भाजपा के कई शीर्ष नेताओं के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी लोगों के कूचबिहार आने की योजना है।
Calcutta High Court single bench in its order denies permission to BJP for Rath Yatra. Next hearing on 9 January.
— ANI (@ANI) December 6, 2018
पत्र में जोर दिया गया है कि इससे जिले की सांप्रदायिक संवेदनशीलता प्रभावित हो सकती है। जमीनी स्थिति को देखते हुये अनुमति देने से इंकार करने को एक प्रशासनिक निर्णय बताते हुये एजी ने कोर्ट को बताया कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इसका ब्यौरा खुली अदालत में नहीं बताया जा सकता। एजी ने कहा कि अगर निर्देश दिया जाता है तो वह एक सीलबंद लिफाफे में अदालत को यह सौंप सकते हैं। भाजपा ने न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती की पीठ को बताया कि वह शांतिपूर्ण तरीके से यात्रा करेगी।
भाजपा अपनी तीन रैलियों की अनुमति के लिए अदालत गई थी। इस पर न्यायाधीश ने पूछा कि अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? जवाब में भाजपा के वकील अनिन्द्य मित्रा ने कहा कि पार्टी शांतिपूर्ण तरीके से रैली आयोजित करेगी, लेकिन कानून और व्यवस्था को बनाये रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। मित्रा ने कहा कि संविधान राजनीति कार्यक्रम आयोजित करने के अधिकार की गारंटी देती है। उन्होंने कहा कि अप्रिय स्थिति की धारणा के आधार पर इंकार नहीं किया जा सकता है।
न्यायाधीश ने पूछा कि क्या वह इसे स्थगित करने के लिये तैयार हैं। इस पर भाजपा के वकील ने नाकारात्मक जवाब दिया और कहा कि इसकी तैयारी लंबे समय से जारी है और अनुमति के लिए अक्टूबर में ही प्रशासन से संपर्क किया था। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक आवेदन रखने के बाद उन्होंने अब अनुमति देने से इंकार कर दिया है। अनुमति से इंकार का विरोध करने वाले भाजपा के पूरक हलफनामे का भी महाधिवक्ता ने विरोध किया और कहा कि या तो एक नई याचिका दायर की जा सकती है या इसी याचिका में संशोधन किया जा सकता है। भाजपा का सात दिसंबर से उत्तर में कूचबिहार से अभियान शुरू करने का कार्यक्रम है। इसके बाद नौ दिसंबर को दक्षिण 24 परगना जिला और 14 दिसंबर को बीरभूम जिले में तारापीठ मंदिर से भाजपा का रथ यात्रा शुरू करने का कार्यक्रम है।