पश्चिम बंगाल की विश्व भारती यूनिवर्सिटी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग में रिकॉर्ड किए गए प्रस्ताव में छेड़छाड़ करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है। जिन अधिकारियों को बर्खास्त किया गया है, उनमें पूर्व कार्यकारी वाइस चांसलर साबुकली सेन का नाम भी शामिल है। बता दें कि जिस मीटिंग के रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की गई है, वह साल 2018 में हुई थी।
एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने इस मामले की जांच के लिए रिटायर्ड जज ज्योतिमय भट्टाचार्य की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया था। अब एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने कमेटी की सलाह पर ही आरोपी अधिकारियों के खिलाफ यह कार्रवाई की है। जस्टिस भट्टाचार्य कमेटी से पहले एक अन्य जांच कमेटी ने भी अपनी जांच में सेन समेत तीनों अधिकारियों को एग्जीक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग की रिकॉर्डिंग में छेड़छाड़ का दोषी पाया था।
एग्जीक्यूटिव काउंसिल के एक सदस्य के अनुसार, साबुलकली सेन के अलावा पूर्व रजिस्ट्रार सौगता चट्टोपाध्याय और पूर्व वित्त अधिकारी समित रॉय मामले में दोषी पाए गए हैं, जिन्हें सेवा से हटा दिया गया है। काउंसिल ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक इमरजेंसी मीटिंग बुलायी थी, जिसमें तीनों अधिकारियों की सेवा समाप्त करने का फैसला लिया गया।
बता दें कि साबुकली सेन को ऐसे समय बर्खास्त किया गया है, जब उनके रिटायरमेंट में सिर्फ 3 दिन का समय बचा था। सेन को 2 फरवरी, 2018 में यूनिवर्सिटी का कार्यकारी वीसी नियुक्त किया गया था। यूनिवर्सिटी के तत्कालीन वीसी प्रोफेसर स्वप्न दत्ता के रिटायरमेंट के कारण सेन को कार्यकारी वीसी नियुक्ति किया गया था।
हालांकि सेन का कार्यकाल कुछ दिन का ही रहा। बताया जा रहा है कि सेन ने अपना कार्यकाल बढ़वाने के लिए ही एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक की रिकॉर्डिंग के साथ छेड़छाड़ की थी। वहीं सेन ने अपने खिलाफ हुई इस कार्रवाई को बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया है।