पश्चिम बंगाल के शारदा चिटफंड घोटाले की जांच पर सीबीआई और कोलकाता पुलिस में ठन गई है। पांच अफसरों की सीबीआई टीम रविवार (03 फरवरी) को शाम जब कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के घर पर उनसे मिलने पहुंची तो  पश्चिम बंगाल पुलिस ने सीबीआई अधिकारियों को बीच रास्ते से ही हिरासत में ले लिया। हालांकि काफी गहमागहमी और हंगामे के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। इस घटनाक्रम के बाद कोलकाता में बड़ा संवैधानिक संकट खड़ा होता दिख रहा है। पहले पुलिस के अफसरों ने सीबीआई अफसरों को हिरासत में लेते हुए थाने ले गई थी। मामले को देखते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद पुलिस कमिश्नर के घर जा पहुंची। ममता बनर्जी ने आनन-फानन में प्रेस कॉन्फ्रेन्स बुलाया और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। ममता ने कहा कि जब उनकी सरकार बनी तो मामले की जांच करवाई और इसके लिए जांच आयोग बनाया। अब बीजेपी जानबूझकर इस मामले में सीबीआई के जरिए राज्य में तानाशाही कायम करना चाह रही है। फिलहाल सीबीआई मुख्यालय के बाहर सीआरपीएफ तैनात कर दी गई है।

ममता ने कहा कि जब-जब राज्य में चुनाव का वक्त आता है, तब-तब इस मामले को उठाया जाता है। चुनाव चाहे पंचायत का हो या विधानसभा का या फिर लोकसभा का। भाजपा इसे भुनाना चाहती है। ममता ने कहा कि सीबीआई ने मेरा बहुत अपमान किया लेकिन अब उनके सब्र का बांध टूट चुका है। उन्होंने कहा कि देश में आपातकाल जैसे हालात हैं। ममता ने कहा कि सीबीआई राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के इशारे पर काम कर रही है।

सीबीआई ने शनिवार को कहा था कि उसे शारदा एवं रोज वैली पोंजी घोटालों के सिलसिले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की तलाश है। इसी सिलसिले में सीबीआई टीम उन्हें ढूंढ़ने कमिशनर के घर पहुंची थी। दूसरी तरफ कोलकाता पुलिस ने सीबीआई के दावों को खारिज कर दिया। इसी सिलसिले में रविवार की शाम सीबीआई टीम कमिश्नर के घर पहुंची थी।