पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपने सरकारी बंगले (राज भवन) के बाहर हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद वहां की सुरक्षा को लेकर डीजीपी को तलब किया है।
धनखड़ ने कहा है, “राज भवन के मुख्य गेट बाहर भी राज्य की कानून-व्यवस्था बेहद चिंताजनक है।” उन्होंने इसके अलावा राज्य की पुलिस के प्रमुख को समझाया (समन के जरिए) कि आखिर राज भवन के उत्तरी गेट के बाहर कई प्रदर्शन क्यों हुए। राज्यपाल का कहना है कि यह इलाका सीआरपीसी की धारा 144 के तहत आता है, जहां लोगों को जुटने की इजाजत नहीं है। धनखड़ ने राज्य सरकार और पुलिस पर सवालिया निशान लगाते हुए कुछ ट्वीट्स भी किए थे। कहा था, “राज भवन के मुख्य गेट पर जो ‘धमकाने’ वाली स्थिति है, जबकि कोलकाता पुलिस ने इस पर कोई सुध नहीं ली।”
वहीं, शुक्रवार को उन्होंने श्रीमद् भगवत गीता के एक श्लोक का जिक्र करते हुए ट्वीट कर लिखा, “अपना कर्म करते जाओ, पर फल की चिंता मत करो। आपके किए गए कामों के फल आपके आनंद के लिए नहीं हैं। काम के वक्त भी काम करने का या कर्ता होने का गर्व भी छोड़ दो। निष्क्रियता से न जुड़ें।”
दरअसल, नारद स्टिंग केस में सीबीआई ने हाल में टीएमसी नेताओं को गिरफ्तार किया था। पार्टी समर्थकों ने इसी के विरोध में राज भवन के नॉर्थ गेट पर प्रदर्शन किया था। यही नहीं, मंगलवार को एक व्यक्ति इसी गेट पर बकरियों के झुंड के साथ प्रदर्शन करता नजर आया था। वह इस दौरान राज्यपाल की बकरी से तुलना कराते हुए सुना गया था।
पुलिस जब उस गेट की घेराबंदी कर रही थी, तब उसने पूछा था- आखिरकार धनखड़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की गिरफ्तारी को बढ़ावा क्यों दे रहे हैं, वह भी तब जब सूबे में महामारी की मार है? बेइमान लोग गिरफ्तार किए जाने चाहिए, पर महामारी के दौरान नहीं।