खगड़ागढ़ विस्फोट और माल्दा हिंसा की घटनाओं के अचनाक होने से नींद से जागा पश्चिम बंगाल खुफिया ब्यूरो खुद को चुस्त-दुरूस्त करने की मुहिम के तहत एक अलग निदेशालय, अपनी भर्तियां, जिलों में नए दफ्तर खोलने की तैयारी कर रहा है। वह विषयों के और भाषाओं के विशेषज्ञ भी बहाल करेगा। राज्य गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर मीडिया को बताया, ‘‘मामले की मंजूरी दे दी गई है और राज्य खुफिया ब्यूरो (एसआईबी) का पूरा कायापलट किया जाएगा और उसे पूरी तरह चुस्त दुरूस्त किया जाएगा।’’

अधिकारी ने बताया, ‘‘समूची प्रक्रिया अगले कुछ महीनों में पूरी की जाएगी। राज्य आईबी का नेतृत्व निदेशक के दर्जे का अधिकारी करेगा। राज्य पुलिस से प्रतिनियुक्तियों के अलावा यह अपनी भर्ती करेगा।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘दो अक्तूबर 2014 के खगड़ागढ़ विस्फोट और तीन जनवरी 2016 की कलियाचक हिंसा जैसी पिछली कुछ घटनाओं में एक प्रमुख कमी जो उभर कर आई वह है उचित खुफियागीरी की कमी।’’

वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खुफिया ब्यूरो और सीबीआई जैसी केन्द्रीय एजेंसियो में वरिष्ठता और प्रदर्शन के आधार पर कैडर पदोन्नति तथा भत्ते दिए जाते हैं। उन्होंने दलील दी, ‘‘इस तरह, अगर आपका नया कैडर है जहां हम स्वतंत्र रूप से भर्ती करते हैं तो नियुक्त किया गए व्यक्ति कर्मी पूरे दिल से काम करेंगे क्योंकि वे जानते हैं कि इस संगठन में उन्हें टिकना है।’’

राज्य आईबी अधिकारी ने बताया कि कई जिलों खास तौर पर माल्दा, मुर्शिदाबाद, नदिया, उत्तर और दक्षिण चौबीस परगना जैसे सीमांत जिलों में मानव खुफियागिरी तंत्र को बढ़ाने की तत्काल जरूरत है।