लोकसभा चुनाव को लेकर सियासत गर्म हो रही है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं। चुनाव आयोग ने अभी आचार संहिता लागू नहीं की है लेकिन पश्चिम बंगाल में इससे पहले ही सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। राज्य में 100 कंपनी केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों की एंट्री हो रही है। खास बात यह है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में सुरक्षा बलों के रहने का इंतजाम किया गया है। इस मामले में माध्यमिक शिक्षा परिषद का कहना है कि उन्हें इस बारे में किसी तरह की पूर्व सूचना नहीं दी गई थी।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के ही उत्तर कोलकाता में केंद्रीय सुरक्षा बलों के रहने के लिए बेथुन स्कूल का चुनाव किया गया है। पुलिस ने इसको लेकर स्कूल को नोटिस भी दिया है। केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों के रहने तक स्कूल के बच्चों की पढ़ाई का क्या होगा, इस बारे में अभिभावकों की ओर से चिंता जताई जा रही है। इस मामले में स्कूल मैनैजमेंट का कहना है कि इस बारे में बाद में सूचित किया जाएगा।

इस मामले में सूत्रों ने बताया है कि राज्य के कई स्कूलों में इस तरह पुलिस थानों से स्कूलों में पत्र भेजे गए हैं, जिसमें बताया गया है कि सुरक्षा बलों को जवान स्कूलों में ठहरेंगे। महानगर में इस सूची में जादवपुर के तीन स्कूल और उत्तरपाड़ा का एक स्कूल शामिल है।

अधिकारियों को नहीं है स्पष्ट जानकारी

माध्यमिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष रामानुज गांगुली ने कहा कि इस बारे में सुना तो है लेकिन आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बताया गया है। मार्च के पहले हफ्ते से ही अगर इस तरह सरकारी स्कूलों को लिया जाएगा, तब पढ़ाई को लेकर समस्या हो सकती है।

अधिकारियों ने बताया है कि सुरक्षा बलों के रहने पर पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था क्या होगी, इस बारे में मेरे साथ किसी तरह का विमर्श नहीं हुआ है। मालूम हो कि राज्य में फिलहाल कुल मिलाकर 100 कंपनी केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान आ रहे हैं, इसमें पहले चरण में कोलकाता में सात कंपनियां आई हैं। दूसरे चरण में तीन कंपनियां आएंगी।

एपीडीआर की ओर से स्कूलों में केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों को रखने का विरोध किया गया है। इस बारे में एक बयान जारी करके कहा गया है कि इससे लंबे समय के लिए स्कूल-कालेज की पढ़ाई पर बुरा असर है।