पश्चिम बंगाल में गुरुवार को दूसरे चरण की वोटिंग होनी है। इससे ठीक एक दिन पहले ममता बनर्जी ने विपक्षी पार्टियों के नेताओं को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी के जरिए ममता ने लोकतंत्र बचाने के लिए विपक्षी दलों से एकजुट होने की अपील की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा देश में एक पार्टी का शासन चाहती है। उन्होंने कहा कि बंगाल के राज्यपाल बीजेपी कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं। ईडी, सीबीआई, गैर-बीजेपी नेताओं को निशाना बना रही हैं।

बता दें कि ममता बनर्जी नंदीग्राम से सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। इस सीट पर भी दूसरे फेज में ही चुनाव होने हैं और चुनाव प्रचार मंगलवार को ही खत्म हो चुका है। हालांकि, ममता ने सभी गैर-भाजपा दलों को व्यक्तिगत चिट्ठी लिखकर लोकतंत्र को बचाने और सभी के साथ आने की बात कही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी चिट्ठी में लिखा, ‘मेरा मानना है कि लोकतंत्र और संविधान पर बीजेपी के हमलों के खिलाफ एकजुट और प्रभावी संघर्ष का समय आ गया है।’

किन नेताओं को लिखी चिट्ठी?: ममता बनर्जी ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, एनसीपी नेता शरद पवार, डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन रेड्डी के अलावा केएस रेड्डी, फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और दीपांकर भट्टाचार्य को भी पत्र भेजा है।

ममता का आरोप- भाजपा पैसे के दम पर खरीद रहीं नेता: ममता ने चिट्ठी में ये भी लिखा है कि केंद्र सरकार ने योजनाओं के लिए राज्य का फंड रोक दिया है। ममता का ये भी आरोप है कि बीजेपी पैसे के दम पर नेताओं को खरीद रही है। बंगाल सीएम का आरोप है कि निजीकरण के जरिए भाजपा देश के प्रजातंत्र पर हमला कर रही है।

‘दिल्ली में आवाज को दबा देना चाहती है भाजपा’: ममता ने पत्र में कहा है कि कि जिस तरह से भाजपा ने दिल्ली राज्यपाल को ज्यादा ताकत देने वाले बिल को पास करने की कोशिश की है, इसके खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भाजपा एक सत्तावादी पार्टी है। ममता ने कहा कि हर राज्य की आवाज और जो आवाज उससे सामंजस्य ना रखे उसे दबा देना चाहती है। ममता ने कहा कि उपराज्यपाल को दिल्ली का अघोषित वायसराय बना दिया गया, जो गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के लिए एक प्रतिनिधि (प्रॉक्सी) के रूप में काम कर रहे हैं।