पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद कमर कस ली है। उन्होंने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने वाले लोगों के मुकाबले के लिए ‘जय हिंद वाहिनी’ संगठन बनाने का फैसला किया है। इसी संबंध में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कालीघाट स्थित अपने घर पर कोर कमेटी की बैठक भी बुलाई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मीटिंग में साल 2021 के विधानसभा चुनावों को लेकर भी चर्चा और लोकसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन की भी समीक्षा की गई। मीटिंग में फैसला किया गया कि सीएम खुद शुक्रवार (7 जून) से उन सभी क्षेत्र के नेताओं से मुलाकात करेंगी जहां पर उनकी पार्टी को शिकस्त मिली है। बैठक में तृणमूल कांग्रेस की खोई हुई जमीन को वापस पाने के लिए एक्शन प्लान भी बनाया है। पार्टी अपने इस संगठन का बूथ लेवल तक विस्तार करेगी।
लोगों से बातचीत करने को कहाः बनर्जी ने टीएमसी नेताओं को नियमित रूप से पार्टी कार्यालयों का दौरा करने और लोगों के साथ बातचीत करने के लिए कहा है। उन्होंने एक साप्ताहिक रोस्टर तैयार किया है जिसमें कैबिनेट मंत्री सहित वरिष्ठ नेता, तृणमूल भवन मुख्यालय में मौजूद लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे। इसी कड़ी में सीएम ने कहा कि वह उन जिलों के नेताओं से बातचीत करेंगे जहां टीएमसी को उलटफेर का सामना करना पड़ा है।
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ये मंत्री संभालेंगे कार्यभारः बंगाल के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री राजीव बनर्जी टीएमसी के नादिया पर्यवेक्षक के रूप में पार्थ चटर्जी की जगह काम करेंगे। वहीं सुवेन्दु अधिकारी की जिम्मेदारी भी कम की गई है। मालदा जिले के कार्यभार को साधन पांडे और गोलम रब्बानी संभालेंगे। राज्य के वन मंत्री ब्रत्य बसु ‘जय हिंद वाहिनी’ संगठन का नेतृत्व करेंगे। जिससे तृणमूल कांग्रेस की महिला वोटरों के बीच पकड़ बनाई जा सके।
2021 के चुनावों पर ध्यान देने की अपील कीः बनर्जी ने अपने सांसदों से चुनाव सुधार और ईवीएम की खराबी पर ध्यान देने का भी आग्रह किया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्हें कुछ गलत कामों पर संदेह है और उन्होंने कार्यकर्ताओं से इन मुद्दों पर बोलने की भी अपील की। बनर्जी ने अपनी पार्टी के सदस्यों से साल 2021 के चुनावों पर फोकस करने के लिए कहा है।