पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर राजभवन की एक महिला स्टाफ ने गंभीर आरोप लगा दिया है। कहा गया है कि राज्यपाल द्वारा उन्हें गलत तरीके से छुआ गया, उनके साथ यौन उत्पीड़न करने की कोशिश हुई। असल में जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले एक महिला ने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई थी। उस शिकायत में कहा गया कि राज्यपाल ने महिला से दो बार मुलाकात की थी।

महिला ने क्या आरोप लगाया?

अपनी शिकायत में महिला ने लिखा था कि 19 अप्रैल को राज्यपाल ने उन्हें अपने सीवी के साथ आने को कहा था। उसके बाद 24 अप्रैल को दोपहर में 12:45 पर उन्हें फिर ऑफिस रूम में बुलाया गया। महिला का आरोप है कि उस मीटिंग के दौरान राज्यपाल ने उन्हें छूने की कोशिश की।

महिला ने अपनी शिकायत में आगे बताया है कि उसके बाद 2 मई को एक बार फिर राज्यपाल ने उन्हें बुलाया था। उस मुलाकात में वो अपने सुपरवाइजर के साथ राज्यपाल से मिलने गई। आरोप ये है कि सुपरवाइजर को राज्यपाल ने थोड़ी देर बाद जाने के लिए कह दिया और फिर पीड़ित महिला को छूने की कोशिश की।

अब इन गंभीर आरोपों पर पहली बार राज्यपाल की तरफ से प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा है कि सच्चाई की जीत होने वाली है, बोस ने ये भी कहा है कि अगर किसी को ऐसा लगता है कि मेरी छवि को खराब कर वो चुनाव में फायदा ले सकते हैं तो भगवान उनका भला करें, लेकिन मुझे करप्शन और बंगाल में हो रही हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने से कोई नहीं रोक सकता।

राजभवन ने क्या बोला?

वैसे राजभवन के सूत्रों ने भी उस पीड़ित महिला को लेकर एक बड़ा दावा किया है। कहा गया है कि वो महिला अपनी दूसरे साथी के साथ लोगों की शिकायतों को चुनाव आयोग तक पहुंचने नहीं दे रही थी। जब उससे पूछताछ की गई, उसने यौन उत्पीड़न वाला आरोप राज्यपाल पर लगा दिया। अभी के लिए ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी इस मुद्दे को जोर जोर से उठा रही है और राज्यपाल पर निशाना साधा जा रहा है।

टीएमसी नेता सागरिका घोष ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी की कोलकाता यात्रा से पहले एक महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। आरोप राज्य के राज्यपाल पर लगा है, ये हैरान और शर्मसार करने वाली घटना है। ममता सरकार में वित्त मंत्री की भूमिका निभा रही चंद्रमा भट्टाचार्य ने भी दो टूक बोला कि ये हो क्या रहा है, प्रधानमंत्री राज भवन आने वाले हैं, ऐसे समय में राज्यपाल पर ही इतना गंभीर आरोप लगा है। पूरी तरह शर्मनाक है। वैसे अभी के लिए चंद्रमा भट्टाचार्य के बयान से राजभवन काफी नाराज है, एक जारी बयान में कहा गया है कि बयान के लिए उन्हें राजभवन में अब एंट्री नहीं दी जाएगी, उन्हें बैन कर दिया गया है।

बीजेपी ने क्या कहा है?

इसके अलावा बताया जा रहा है कि राज्यपाल ने राजभवन में अभी के लिए पुलिस की एंट्री पर भी रोक लगा दी है जिससे गलत तरह की और एक तरफा कार्रवाई नहीं की जा सके। वैसे भाजपा नेता शुभेंदू अधिकारी ने राज्यपाल का बचाव किया है। उन्होंने एक जारी बयान में कहा है कि इस समय शिक्षा भारती घोटाले की वजह से टीएमसी काफी परेशान है, वो बचने की कोशिश कर रही है, ऐसे में ये देखना जरूरी है कि जो आरोप लगाया गया है, वो कहीं टीएमसी की कोई साजिश तो नहीं।