पश्चिम बंगाल में भाजपा का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। हालिया लोकसभा चुनाव के नतीजे भी इस और साफ इशारा कर रहे हैं। यही वजह है कि टीएमसी के कई नेता हवा का रुख भांपकर भाजपा में शामिल हो रहे हैं। हाल ही में टीएमसी विधायक मोनिरुल इस्लाम भी टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। हालांकि मोनिरुल इस्लाम को भाजपा की सदस्यता मिलने पर पार्टी के कई नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है। नाराजगी जाहिर करने वाले नेताओं का तर्क है कि जिनके खिलाफ अभी तक लड़े, अब वो ही लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं। आलोचना के बाद अब भाजपा डैमेज कंट्रोल में जुट गई है।
दरअसल प्रदेश नेतृत्व ने अब फैसला किया है कि नेताओं को अब जांच के बाद ही पार्टी में शामिल किया जाए, साथ ही कुछ समय के लिए इस प्रक्रिया को थोड़ा धीमी करने पर भी सहमति बनी है। बता दें कि मोनिरुल इस्लाम के भाजपा में शामिल होने की जानकारी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को भी नहीं थी और उन्होंने बताया था कि इस बारे में उनसे बातचीत भी नहीं की गई थी। भाजपा की इसके चलते किरकिरी भी हुई। सोशल मीडिया पर लोग भाजपा के इस फैसले की आलोचना भी कर रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि भाजपा टीएमसी के आतंकी से कैसे बंगाल के लोगों को छुटकारा दिलाएगी, जब वह खुद ही आतंक का चेहरा रहे लोगों को अपने साथ जोड़ रही है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि इस तरह नेताओं को पार्टी में शामिल करने का लंबे समय के लिए बुरा साबित हो सकता है। यह नहीं चल सकता।
मोनिरुल इस्लाम की बात करें तो वह पहले वामपंथी फॉरवर्ड ब्लॉक पार्टी में थे। इसके बाद वह टीएमसी में शामिल हो गए और अब भाजपा में आ गए हैं। मोनिरुल इस्लाम को भाजपा में लाने के पीछे मुकुल रॉय को वजह माना जा रहा है। बता दें कि मुकुल रॉय बीते दिनों में टीएमसी के कई नेताओं को भाजपा में शामिल करा चुके हैं। पार्टी नेताओं का मानना है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों में जीत के लिए हिंदुत्व और पीएम मोदी का चेहरा ही काफी है, जिसके दम पर भाजपा टीएमसी को सत्ता से बेदखल कर सकती है।