चुनाव आयोग मतदान केंद्रों तक मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए भौगोलिक विविधता वाले पश्चिम बंगाल की समृद्ध प्राकृतिक विरासत का उपयोग कर रहा है। पश्चिम बंगाल के हर जिले ने बाघ, लाल पांडा, गैंडा, डॉल्फिन और यहां तक कि तीस्ता जैसी नदियों को भी अपना चुनावी शुभंकर बनाया है। कोलकाता से लगे दक्षिण 24 परगना में यहां-वहां विभिन्न स्थानों पर आप को सफेद बंगाली धोती में बाघ का पुतला मिल जाएगा जिसे वहां मतदाताओं के बीच चुनावी जागरूकता बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
दक्षिण 24 परगना के जिला मजिस्ट्रेट डा पीपी सलीम ने बताया, ‘हम खुशकिस्मत हैं कि हमारे जिले में राष्ट्रीय पशु हैं जो सुंदरबन का एक हिस्सा है। हमने सोचा कि बाघ सबसे उपयुक्त प्राणी होगा जो हमारे जिले का प्रतिनिधित्व करेगा और मतदाताओं से आगामी विधानसभा चुनाव में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए कहेगा।’
मताधिकार के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रशासन सिर्फ बाघ के पुतलों का ही इस्तेमाल नहीं कर रहा है, इस जिले में जगह जगह पोस्टर भी लगाए गए हैं और लोगों को बाघ का भेष बनाए भी देखा जा सकता है। उप मुख्य चुनाव अधिकारी अमिज्योति भट्टाचार्य ने बताया कि चुनाव आयोग ने सभी जिलों को निर्देश जारी किए हैं और उनसे अपना शुभंकर चुनने को कहा है जिसका उपयोग मतदाताओं में मताधिकार के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए किया जाए।
दार्जिलिंग में लाल पांडा को चुनावी शुभंकर बनाया गया है जबकि दुआर क्षेत्र के जंगलों के लिए मशहूर अलीपुरदुआर में गैंडा शुभंकर है। हुगली जिला में डॉल्फिन शुभंकर है जबकि जलपाईगुड़ी में प्रशासन ने तीस्ता नदी और दक्षिण दीनाजपुर में प्रशासन ने अत्री नदी को शुभंकर बनाया है। आम के लिए मशहूर मालदा जिला में आम को स्वाभाविक रूप से शुभंकर बनना था, सो प्रशासन ने मशहूर फजली आम को चुना।
बहरहाल, शुभंकर के इस चुनाव में साहित्य का भी दखल रहा। हावड़ा जिला में नारायण देबनाथ की कामिक्स कृति ‘बांटुल’ चुनावी शुभंकर बना तो नदिया में मध्यकालीन शासक राजा कृश्नचंद्र के दरबारी गोपाल भर पर आधारित ‘वोटगोपाल’ शुभंकर बनें।
उत्तरी 24 परगना में विश्व प्रसिद्ध कार्टून किरदार मिक्की माउस शुभंकर बनाया गया। कुछ जिलों ने वहां के लोगों की रचनात्मकता का उपयोग किया और नए किरदार गढ़ कर उन्हें शुभंकर बनाया। लिहाजा, पुरूलिया में हम काल्पनिक ‘वोटेश्वर’ देखते हैं तो दक्षिण दीनाजपुर में ‘‘वोटू दा’’ को मतदाताओं को मताधिकार के लिए प्रेरित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।