पश्चिम बंगाल में भाजपा आगामी लोकसभा चुनावों में भगवा लहराने की कोशिशों में जुटी है। यही वजह है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत कई वरिष्ठ भाजपा नेता बंगाल में ताबड़तोड़ रैलियों का आयोजन करने जा रहे हैं। लेकिन इन रैलियों के लिए भाजपा को भगवा रंग की कमी खल रही है। दरअसल बंगाल में भाजपा को भगवा रंग के कालीन नहीं मिल रहे हैं। बुधवार को बंगाल के बीरभूम में अमित शाह एक रैली को संबोधित करने वाले थे, लेकिन अब खबर आयी है कि अमित शाह इस रैली में नहीं आ रहे हैं और उनके स्थान पर स्मृति ईरानी रैली को संबोधित करेंगी।
टेलीग्राफ की एक खबर के अनुसार, भाजपा को बंगाल में रैलियों के आयोजन के लिए भगवा रंग के कालीन नहीं मिल पा रहे हैं, जिसके चलते पार्टी को हरे और लाल रंग के कारपेट से काम चलाना पड़ रहा है। पश्चिम बंगाल में हरा रंग टीएमसी से जोड़कर देखा जाता है। टीएमसी की रैलियों में हरें रंग के कालीन और अन्य सामान की काफी मांग रहती है। वहीं लाल रंग लेफ्ट पार्टियों की पहचान माना जाता है। ऐसे में भाजपा की रैलियों में भी हरा या लाल रंग शायद पार्टी कार्यकर्ताओं को अच्छा अनुभव नहीं देता। भाजपा जब राज्य में अपनी अलग जगह बनाने की कोशिशों में जुटी है, तो उसे भगवा रंग की कमी काफी खल रही है।
पश्चिम बंगाल की राजनीति में रंगों का काफी महत्व माना जाता है। यही वजह है कि भाजपा कार्यकर्ता भी भगवा रंग की तलाश में पूरे बंगाल की खाक छान रहे हैं। हालांकि भगवा रंग के कालीन ना मिलने के पीछे किसी तरह की कोई राजनीति नहीं कही जा सकती। दरअसल भगवा रंग के कालीन चलन में ही नहीं हैं और किसी भी समारोह में हरे और लाल रंग के कालीन की ही अधिकतर मांग रहती है। बहरहाल माना जा रहा है कि यदि भाजपा पश्चिम बंगाल में अपनी स्थिति मजबूत कर सकी तो हो सकता है कि फिर पार्टी को भगवा रंग के लिए उतना परेशान ना होना पड़े।
बीरभूम यूनिट के भाजपा अध्यक्ष रामकृष्ण रॉय ने अपनी मजबूरी जताते हुए कहा कि हम क्या कर सकते हैं, जब कोई भगवा कालीन रखता ही नहीं है? हम अभी भी कोशिश कर रहे हैं कि शायद किसी के पास भगवा कालीन मिले, नहीं तो फिर हमें हरे और लाल रंग से ही काम चलाना पड़ेगा। एक अन्य भाजपा नेता ने कहा कि हम इस बात से बेहद परेशान हैं क्योंकि हमारे लिए भगवा रंग काफी मायने रखता है। हरे या लाल का इस्तेमाल कर समझौता करना पड़ रहा है। अमित शाह यदि यहां आते तो यह देखकर वह बिल्कुल भी खुश नहीं होते।