Punjab Flood: पंजाब में बाढ़ ने कहर बरपा रखा है। बाढ़ के कारण कई जिले बुरी तरह प्रभावित हैं। अजनाला के लाल सिंह वाला गांव में रंजीत कौर का घर पानी में डूब गया है। रंजीत कौर और उनका परिवार पिछले तीन दिनों से अपनी छत पर रह रहे हैं। उनके दोनों बच्चों को रिश्तेदारों के घर भेज दिया गया है।

रंजीत कौर ने इंडियन एक्सप्रेस को फोन पर बताया कि वह और उनके पति घर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा, “अगर हमें घर खाली करने का मौका भी मिले, तो हम नहीं निकलेंगे। मेरे पास सिर्फ एक भैंस है और यही मेरे जीने का एकमात्र सहारा है। मैं इसे कैसे छोड़ सकती हूं।” भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर 10 किलोमीटर से भी कम दूरी पर मौजूद अजनाला और चक औल में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। यहां परिवार छतों पर डेरा डाले हुए थे, अपने सामान पर नजर रख रहे थे, इस डर से कि कहीं चोर बचा हुआ सामान भी न लूट ले जाएं।

उफान पर आई सतलुज और व्यास नदी

पंजाब के आठ जिलों के सैंकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं और कम से कम 24 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से ज्यादातर इमारतें गिरने की वजह से हुई हैं। अधिकारियों के अनुसार, भाखड़ा और रंजीत सागर जैसे बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण सतलुज, व्यास और रावी नदियां उफान पर आ गई हैं। पंजाब में स्कूल-कॉलेज को 3 सितंबर तक बंद कर दिया गया है।

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रविवार को भगवंत मान सरकार के मंत्री हरदीप सिंह मुंडियान ने बताया कि अब तक राज्य भर के बाढ़ प्रभावित इलाकों से 14,936 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और पंजाब पुलिस के जवानों समेत पूरी राज्य मशीनरी जान-माल की सुरक्षा के लिए काम कर रही है।

लाल सिंह वाला के सरपंच अवतार सिंह ने कहा, “हमारे गांव को सबसे पहले गुरु का बाग के सिख प्रचारकों से मदद मिली, जो जानवरों के लिए चारा और गांव वालों के लिए राशन लेकर आए। अभी तक कोई भी प्रशासन हम तक नहीं पहुंचा है। शायद वे कल आएं।” सरपंच के अनुसार, पानी का अचानक उफान आने से गांव वालों को तैयारी का ज्यादा समय नहीं मिला। अवतार ने कहा, “हम अपना कुछ सामान ही ऊपरी मंजिल पर ले जा सके।”

मवेशियों को ले जाना नामुमकिन- जोगिंदर सिंह

प्रशासन की अपील के बाद भी रंजीत कौर जैसे ज्यादातर लोग घर खाली करने के लिए तैयार नहीं है। जोगिंदर सिंह ने कहा, “हमारा इलाका नशेड़ियों के लिए बदनाम है। अगर हम अपने घर छोड़ देंगे, तो जो कुछ भी बचा है, उसे वे लूट लेंगे और इतनी जल्दी में मवेशियों को ले जाना नामुमकिन है। पानी बहुत जल्दी आ गया था।”

बोतलबंद पानी दोगुने दाम पर बिक रहा- सरवन सिंह

लाल सिंह वाला के सतनाम सिंह ने कहा, “हमें पहले से ही बाढ़ आने की चेतावनी थी, लेकिन हमने कभी नहीं सोचा था कि पानी इतनी तेजी से बढ़ेगा।” किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सरवन सिंह पंढेर ने ट्रैक्टर पर बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने कहा, “पॉलीथीन शीट की कीमत 130 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 170-200 रुपये प्रति किलो हो गई है। बोतलबंद पानी दोगुने दाम पर बिक रहा है।”

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