Red Fort Delhi Blast Hindi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार शाम तेज धमाका हुआ। इस हादसे में करीब 9 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। इस हमले की भयावहता को लोगों ने बयां किया है। मयंक अग्रवाल और गिरिराज सिंह को सोमवार की शाम याद है। ये दोनों व्यक्ति श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर में थे, जिसका इतिहास 17वीं शताब्दी का है।
ऐसा माना जाता है कि इसे शाहजहां के शासनकाल में एक प्रार्थना स्थल के रूप में बनवाया गया था। सोमवार शाम को जब धमाका हुआ, तब मंदिर में एक छोटा सा सगाई समारोह चल रहा था। मयंक अग्रवाल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “हमने बहुत तेज आवाज सुनी। शुरू में हमें लगा कि सिलेंडर फट गया है क्योंकि इलाके में बहुत सारे खाने-पीने की दुकानें हैं। जब हम बाहर भागे, तो हमने कार के पुर्जे बिखरे देखे और फिर मांस और शरीर के अंग भी देखे।”
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कार के पुर्जे और कांच देखा- गिरिराज सिंह
मंदिर के पर्यवेक्षकों में से एक गिरिराज सिंह भी घटना के समय मंदिर में मौजूद थे। उन्होंने कहा, “मैं मंदिर में था जब मैंने एक बहुत तेज आवाज सुनी। मैं और कुछ दूसरे कर्मचारी दौड़कर बाहर आए। हमने हर जगह मांस के टुकड़े, कार के पुर्जे और टूटे हुए कांच देखे। चारों तरफ धुआं और आग की लपटें थीं।” उत्तरी दिल्ली के कोतवाली पुलिस स्टेशन में यूएपीए और विस्फोटक अधिनियम की धारा 16, 18 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
लाल किले के पास धमाका
बता दें कि सोमवार शाम करीब साढ़े छह बजे लाल किले के आसपास का इलाका और चंद कदमों की दूरी पर स्थित चांदनी चौक बाजार लोगों से गुलजार था। कुछ ही मिनटों बाद, एक सफेद हुंडई i20 कार वहां पहुंची। जैसे ही वह स्मारक के पास मुख्य लाल बत्ती चौराहे की ओर बढ़ी, एक धमाका हुआ। एक दर्जन से ज्यादा वाहन आग की चपेट में आ गए और उनमें सवार लोग मारे गए। कुछ ही देर बाद, शवों के टुकड़े घटनास्थल से 100 मीटर दूर तक बिखरे पड़े थे। स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने एफएसएल अधिकारियों के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया।
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