राजेश गोला और उनके पति रामवीर सिंह गोला नेपाल की राजधानी काठमांडू गए थे। वे वहां पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा करने पहुंचे थे। उन्होंने मंदिर से करीब 2 किलोमीटर दूर हयात रेजेंसी होटल में एक कमरा लिया था। अगले दिन राजधानी में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। ये प्रदर्शन धीरे-धीरे हिंसक हो गए और 19 लोगों की मौत हो गई। फिर 9 सितंबर को प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों, नेताओं के घरों और दफ्तरों के साथ-साथ हयात होटल में भी आग लगा दी।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राजेश और रामवीर घबराकर आग से बचने के लिए एक चादर की मदद से होटल की चौथी मंजिल से खिड़की से आधा कूद गए। रामवीर तो बच गए, लेकिन राजेश को चोटें आईं और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। शुक्रवार को रामवीर अपनी पत्नी का शव लेकर घर पहुंचे। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा, “हम पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने काठमांडू गए थे। फिर हमने मिथिला जाने का फैसला किया, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही कर्फ्यू लगा दिया गया और एयरपोर्ट बंद कर दिया गया। इसलिए, हमने हयात में रुकने का फैसला किया और होटल लौट आए।”

उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी 9 सितंबर को शाम 6 बजे आए। रामवीर ने कहा, “होटल में आग लगा दी। मैंने और मेरी पत्नी ने कूद कर जान बचाई। जब उसको अस्पताल में एडमिट किया तो इलाज के दौरन उसकी मौत हो गई।”

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मैं अब कभी नेपाल नहीं जाऊंगा- रामवीर

रामवीर ने कहा, “किसी ने हमारी मदद नहीं की। मैं अब कभी नेपाल नहीं जाऊंगा।” दाह संस्कार के बाद, परिवार के सदस्य और रिश्तेदार इकट्ठा हुए और रस्में पूरी कीं। दंपत्ति के बेटे विशाल सिंह गोला ने कहा, “10 सितंबर को लगभग 12 बजे हमें पता चला कि जिस होटल में वे ठहरे थे, उसमें आग लगा दी गई है। मेरे पिता ने खिड़की का कांच तोड़ दिया और वे एक चादर का सहारा लेकर नीचे कूद गए।” विशाल ने आरोप लगाया, “तब तक मेरी मां ठीक थीं। लेकिन सेना के जवानों ने मेरे माता-पिता को अलग कर दिया और वह घबरा गईं। अगर वे साथ होते, तो वह बच जातीं।”

रामवीर के तीन बच्चे

उन्होंने दावा किया, “हयात एक बड़ा होटल था, मुझे लगा कि वे वहां सुरक्षित रहेंगे। हमने उसके शव को वापस लाने के लिए अपने सभी संपर्कों का इस्तेमाल किया।” रामवीर गाजियाबाद में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करते हैं। उनके तीन बच्चे हैं। उनके एक रिश्तेदार विपिन कुमार ने बताया कि अलग होने के बाद, रामवीर को अपनी पत्नी को ढूंढ़ने में तीन घंटे लग गए।

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