Goa Politics: मंदिरों, गिरजाघरों और मस्जिदों में वफादारी की शपथ लेने के 7 महीने बाद गोवा में कांग्रेस के 11 में से 8 विधायक सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। बीजेपी में शामिल होने वाले कांग्रेस विधायकों ने राहुल गांधी की उपस्थिति में शपथ भी लिया था। इस उम्मीद में कि वे मतदाताओं और पार्टी नेतृत्व को विश्वास दिलाएंगे कि वे चुनाव के बाद स्विच नहीं करेंगे। वहीं, दलबदल का नेतृत्व करने वाले दिगंबर कामत ने कहा कि उन्होंने और बाकी विधायकों ने बीजेपी में शामिल होने से पहले भगवान से अनुमति ली थी और भगवान सहमत हुए।
गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भगवान में विश्वास करते हैं और यह सच है कि चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस नहीं छोड़ने की शपथ ली थी। उन्होंने मीडिया से कहा,”मैं फिर से मंदिर गया और भगवान से पूछा कि क्या करना है। भगवान ने मुझसे कहा कि जो तुम्हारे लिए सबसे अच्छा हो वही करो।” दरअसल, साल 2019 में अपने विधायकों के एक बड़े हिस्से के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस कोई चांस नहीं ले रही थी। गोवा विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले फरवरी में कांग्रेस उम्मीदवारों ने राहुल गांधी की उपस्थिति में वफादारी का संकल्प लिया था। दलबदलुओं में से एक संकल्प अमोनकर ने उस समय कहा था, “हमने मंदिर, मस्जिद और चर्च के सामने एक वादा किया है। आज, हम राहुल जी के सामने शपथ ले रहे हैं।”
2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी
बता दें कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस गोवा में 40 में से 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। लेकिन बीजेपी ने 13 सीटें जीतकर छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन से सत्ता संभाली। दो साल बाद कांग्रेस के 15 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए। वहीं, इस साल जुलाई में कामत उस समय सुर्खियों में थे जब कांग्रेस के संभावित तख्तापलट की खबरें सामने आईं, लेकिन दो दिनों के बाद कामत और माइकल लोबो समेत सभी लापता विधायक वापस आ गए थे। तब उन्होंने पार्टी को विभाजित करने के किसी भी इरादे से इनकार कर दिया था।
विपक्ष के पास सिर्फ 7 विधायक
कांग्रेस नेता दिनेश गुंडू राव ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, “उन्होंने मंदिरों में शपथ ली। कामत ने कई बयान दिए। उन्होंने शपथ पढ़ी। इससे पता चलता है कि वे कितने दिवालिया हो गए हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हमें यह महसूस करना होगा कि हम किस तरह के लोगों को टिकट देते हैं। उनके लिए सत्ता ही सब कुछ है, विचारधारा कुछ भी नहीं है।” बता दें कि गोवा में बीजेपी और उसके सहयोगी पहले से ही 25 विधायकों के साथ बहुमत में हैं, जो 40 सदस्यीय विधानसभा में आधे से अधिक है। बीजेपी अब 33 पर है। विपक्ष के पास सिर्फ 7 विधायक है।