चेन्नई के उपनगर में पिछले हफ्ते पानी को लेकर हिंसा का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि यहां रहने वाले मोहन नाम के शख्स ने घर के पास लगी पानी की मोटर ऑन की तो पड़ोसी ने उसे रोकने का प्रयास किया। मोहन की पत्नी सुभाषिनी उसके सपोर्ट में आई तो पड़ोसी आथिमूलम रामाकृष्णा ने धारदार हथियार से उसकी गर्दन पर हमला करके उसे घायल कर दिया। पुलिस के मुताबिक, रामाकृष्णा तमिलनाडु के स्पीकर पी धनपाल का ड्राइवर है। उसे गुरुवार (13 जून) को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, चेन्नई के एक अस्पताल में सुभाषिनी का इलाज चल रहा है। पानी को लेकर हिंसा का यह अकेला मामला नहीं है। इस संकट को लेकर लोगों में गुस्सा लगातार बढ़ रहा है।

एक शख्स को पीट-पीटकर मार डाला: जानकारी के मुताबिक, काफी मात्रा में पानी इकट्ठा करने के लिए टोकने पर आनंद बाबू नाम के एक सामाजिक कार्यकर्ता को उनके पड़ोसी ने ही पीट-पीटकर मार डाला। पुलिस ने भी इस मामले की पुष्टि की है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी की पहचान कुमार (48) के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि वह घर के पास मौजूद एक ओवरहेड टैंक से प्लास्टिक के बड़े-बड़े डिब्बों में पानी भर रहा था। आनंद ने एक ही घर में काफी सारा पानी इकट्ठा करने को लेकर विरोध जताया तो कुमार ने अपने बेटों के साथ मिलकर आनंद को पीट दिया। बाद में उनकी मौत हो गई। थंजावुर थाने के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह घटना दक्षिण विलार कॉलोनी में हुई, जो थंजावुर कस्बे से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित है।

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विरोधियों ने सरकार पर साधा निशाना: विपक्षी नेता और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा। साथ ही, नगर प्रशासन मंत्री एसपी वेलुमणि का इस्तीफा मांगा और सीएम पलानीस्वामी से उन्हें कैबिनेट से तत्काल बर्खास्त करने की मांग की। हालांकि, सीएम ने यह डिमांड ठुकरा दी। बता दें कि लगातार बढ़ते जल संकट को देखते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। स्टालिन ने शनिवार (15 जून) को कहा कि वॉटर क्राइसिस के चलते कई संस्थान बंद हो गए हैं। आईटी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा है। भ्रष्टाचार में व्यस्त नगर प्रशासन मंत्री के पास इसके लिए कोई जवाब है?

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सरकार ने जारी किए 500 करोड़ रुपए: बता दें कि आईडीएमके सरकार ने पारंपरिक जल स्रोत को दोबारा रिस्टोर करने के लिए इस वित्तीय वर्ष में 500 करोड़ रुपए का फंड जारी करने के निर्देश दिए हैं। सरकार का दावा है कि इस योजना को लागू करने से 29 जिलों में ग्राउंड वॉटर लेवल बढ़ेगा। वहीं, चेन्नई मेट्रो वॉटर अथॉरिटी ने पानी चोरी करने वालों के खिलाफ अभियान छेड़ने की तैयारी कर ली है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले 2 हफ्तों में ऐसे कई घरों के वॉटर कनेक्शन काटे गए, जो हाई पावर मोटर लगाकर अवैध तरीके से पानी निकाल रहे थे।

काम-काज पर पड़ा असर: वॉटर क्राइसेस के चलते चेन्नई के कुछ रेस्तरां ने काम-काज के घंटे कम कर दिए हैं। वहीं, कई आईटी फर्म ने अपने कर्मचारियों को घर से ही काम करने के लिए कहा है। दक्षिण रेलवे पर भी वॉटर क्राइसेस का असर पड़ा है। उन्हें यात्रियों की जरूरतों समेत अन्य कार्यों के लिए दूर-दराज से पानी लाना पड़ रहा है। चेन्नई मेट्रो वॉटर सप्लाई और सीवरेज बोर्ड के एमडी टीएन हरिहरन ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि स्थिति इतनी भी खराब नहीं है, जितना ज्यादा उसे दिखाया जा रहा है। चेन्नई मेट्रो में रोजाना 830 मिलियन लीटर पानी की जरूरत होती है। इस वक्त 525 मिलियन लीटर पानी सप्लाई किया जा रहा है। फिलहाल सामान्य जल स्रोत जैसे रेड हिल्स, शोलावरम और चेंबारंबकम झील पूरी तरह सूख गई हैं। हालांकि, हम अन्य स्रोतों की मदद से सप्लाई मेंटेन करने की कोशिश कर रहे हैं।