Shahzeb Rizvi Resignation: वक्फ बिल को लेकर देशभर में सियासी हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों के साथ-साथ अब सरकार में शामिल सहयोगी दलों में भी असंतोष देखने को मिल रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मजबूत पार्टी और केंद्र की सत्ता में सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (RLD) में इस बिल को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। रालोद के प्रदेश महासचिव शाहजेब रिजवी ने वक्फ बिल पर सरकार का समर्थन करने से नाराज होकर अपने पद और पार्टी दोनों से इस्तीफा दे दिया है।
शाहजेब रिजवी ने एक वीडियो जारी कर पार्टी प्रमुख जयंत चौधरी के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस पार्टी को मुसलमानों ने अपनी ताकत से मजबूत किया, वही पार्टी अब उनके खिलाफ बने कानून के पक्ष में खड़ी हो गई है। शाहजेब ने इसे मुसलमानों के साथ धोखा करार दिया और कहा कि जयंत चौधरी का यह फैसला उनके समर्थकों की भावनाओं को आहत करता है।
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शाहजेब रिजवी का यह इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब इससे पहले बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में भी वक्फ बिल को लेकर बगावत हो चुकी है। जेडीयू के कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं और अब यही स्थिति रालोद में भी बनती दिख रही है।
मुसलमानों की अनदेखी का आरोप
शाहजेब ने आरोप लगाया कि जयंत चौधरी ने सत्ता में बने रहने के लिए अपने मूल समर्थकों को नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने कहा कि पश्चिमी यूपी में मुसलमानों ने एकतरफा रालोद को समर्थन दिया, जिससे पार्टी को दस विधायक मिले। लेकिन अब वही पार्टी मुसलमानों के खिलाफ बने कानून का समर्थन कर रही है। उन्होंने कहा कि यह केवल चुनावी राजनीति नहीं, बल्कि भरोसे की बात है, जिसे तोड़ा गया है।
शाहजेब ने कहा कि जयंत चौधरी ने अपने दादा और किसान नेता चौधरी चरण सिंह की विचारधारा से समझौता कर लिया है। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह हमेशा कमजोर और वंचित तबकों के पक्ष में खड़े रहे, लेकिन अब उनकी पार्टी उनके सिद्धांतों से भटक चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ बिल पर रुख स्पष्ट करना चाहिए था, लेकिन सत्ता की राजनीति में जयंत चौधरी ने अपने पुराने साथियों का ही साथ छोड़ दिया।
शाहजेब रिजवी ने कहा कि वह भारी मन से पार्टी छोड़ रहे हैं, लेकिन यह फैसला आवश्यक था। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले चुनावों में जयंत चौधरी को अपने इस कदम की कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे उन नेताओं को सबक सिखाएं जो उनके हितों की अनदेखी करते हैं।