बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को बड़ा झटका लगा है। जदयू के मुस्लिम नेता कासिम अंसारी ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अपने इस्तीफे में कासिम अंसारी ने नीतीश कुमार को लिखा कि करोड़ों भारतीय मुसलमानों को यह विश्वास था कि आप सेकुलर विचारधारा के ध्वजवाहक हैं लेकिन यह यकीन टूट गया। उन्होंने यह भी कहा कि यह बिल पसमांदा विरोधी भी है।

जदयू ने वक्फ संशोधन बिल पर संसद में क्या कहा?

बुधवार को जदयू के सांसद राजीव रंजन सिंह ने लोकसभा में कहा कि विपक्षी दल वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर एक अलग तरह का विमर्श गढ़ने की और देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में ऐसा विमर्श गढ़ा जा रहा है कि यह विधेयक मुसलमान विरोधी है, जबकि हकीकत यह है कि इसके पारित होने के बाद मुस्लिम समुदाय के हर वर्ग के हितों की रक्षा होगी।

उन्होंने कहा कि वक्फ कोई मुस्लिम संस्था नहीं, बल्कि एक न्यास है, जिसे मुस्लिम हितों की रक्षा के लिए बनाया गया था। उन्होंने कहा, “यह कोई धार्मिक संस्था नहीं है, बल्कि एक निकाय है।”

ललन सिंह ने कहा कि कुछ लोग देश का माहौल खराब करने में लगे हैं और उनकी बेचैनी सिर्फ इसलिए है कि उनका वक्फ पर से परोक्ष या प्रत्यक्ष नियंत्रण समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्तियों और उससे होने वाली आमदनी को मुसलमानों के हक में खर्च करने के प्रावधान किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “फिर आपके विरोध का आधार क्या है? यदि आप विमर्श गढ़ रहे हैं तो बस अपने लाभ के लिए।”

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चिराग पासवान की पार्टी ने वक्फ संशोधन बिल पर क्या कहा?

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता अरुण भारती ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि यह किसी धर्म या धार्मिक समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि मुसलमानों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए वक्फ की संपत्तियों के प्रबंधन के लिए है। उन्होंने विपक्ष पर वक्फ के केवल धार्मिक पहलू को उजागर करने का आरोप लगाया।

अरुण भारती ने कहा कि वक्फ को लेकर विपक्ष का विरोध केवल धार्मिक आधार पर किया जाता है, जबकि इसमें विधिक, आर्थिक, सामाजिक एवं प्रशासनिक पक्ष भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल अगस्त में जब यह कानून संसद में पेश किया गया था, तब उनकी पार्टी के अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस पर व्यापक बहस की मांग की थी और इसे संसदीय समिति के पास भेजने का अनुरोध किया था।

उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दल मुसलमानों को डरा रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि सरकार उनकी धार्मिक संपत्तियों पर कब्जा कर लेगी। उन्होंने कहा कि ये दल अपना वोट बैंक सुरक्षित रखने के लिए ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष मुसलमानों के पिछड़ेपन और देश भर में फैली विशाल वक्फ संपत्तियों के अकुशल प्रबंधन पर बहस करने में दिलचस्पी नहीं रखता।

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