केंद्रीय मंत्री वीके सिंह की मुश्किलें कम नहीं हुई है। उनके कथित कुत्ते वाली टिप्पणी पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की आपराधिक शिकायत को खारिज होने से दो दिन पहले जो राहत मिली थी, वह बुधवार को कमतर हो गई। शिकायत को खारिज करने के मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका पर बुधवार को सत्र अदालत ने स्वीकार कर ली और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर दिया। सिंह ने यह टिप्पणी हरियाणा में दो दलित बच्चों को जला दिए जाने की घटना के बाद की थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय गुप्ता ने एक वकील की ओर से दायर की गई पुनरीक्षण याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली। इसे अंतिम सुनवाई के लिए 16 दिसंबर को सूचीबद्ध कर दिया। अदालत ने इस मामले में निचली अदालत का रिकॉर्ड भी मांगा है।

बता दें कि पुनरीक्षण याचिका मंगलवार को शिकायतकर्ता वकील सत्य प्रकाश गौतम ने दायर की थी। उन्होंने यह कहते हुए निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी कि जज ने विभिन्न बहानों के जरिए आरोपी को बचाने की भरसक कोशिश की। इनमें से कुछ का उल्लेख रिकॉर्ड में है ही नहीं, जैसे कि विवाद का विषय बने हुए बयान जारी करते समय आरोपी का इरादा। मौजूदा शिकायत का यही आधार है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह स्पष्ट है कि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने प्रस्तावित आरोपी का बचाव करने के लिए उनके वकील का रूप ले लिया। इसलिए, विवादित आदेश को इसी आधार पर दरकिनार कर दिया जाना चाहिए। मजिस्ट्रेट की अदालत ने सात दिसंबर को यह कहते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी थी कि प्रथम दृष्ट्या पूर्व सैन्य प्रमुख के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं बनता। अदालत ने कहा था कि ऐसी कोई वजह नहीं है, जिसके चलते सिंह के बयान को किसी जाति या पंथ के अपमान के रूप में देखा जाए और उसे नहीं लगता कि इस टिप्पणी में कुत्ते (एक जानवर) और (किसी जाति या पंथ के) इंसानों के बीच समानता दिखाई गई है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि विदेश राज्य मंत्री सिंह ने ऐसी टिप्पणी करके दलित समुदाय की भावनाएं आहत की हैं।

सिंह ने फरीदाबाद में हुई घटना के संदर्भ में यह कथित टिप्पणी देकर विवाद पैदा कर दिया था कि कोई अगर किसी कुत्ते पर पत्थर फेंकता है तो इसके लिए सरकार को दोष नहीं दिया जा सकता। अदालत ने 29 अक्तूबर को पुलिस को एससी-एसटी (अत्याचार रोकथाम) कानून, आईटी कानून और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करने वाली शिकायत पर कार्रवाई रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया था। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में अदालत को बताया था कि सिंह ने ऐसा कोई विशेष अपमानजनक बयान नहीं दिया कि उनके कथित कुत्ते वाले बयान पर उनके खिलाफ मामला चलाया जाए। रिपोर्ट में कहा गया था कि 21 अक्तूबर को की गई कथित टिप्पणियों को लेकर सिंह के खिलाफ कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता।