एक अदालत ने गुरुवार (2 जून) को विश्वभारती उच्च माध्यमिक विद्यालय की एक नाबालिग छात्रा के बलात्कार और उसे ब्लैकमेल करने के मामले में शांतिनिकेतन के विश्वभारती विश्वविद्यालय के एक पीएचडी शोधार्थी मोहम्मद सफीकुल इस्लाम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। बीरभूम स्थित अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश महानंदा दास ने यह सजा सुनाई। विशेष अदालत ने बाल यौन अपराध संरक्षण कानून के तहत मामले की सुनवाई की।
सरकारी वकील सैयद समीदुल आलम ने कहा कि बारहवीं कक्षा में पढने वाली और बांग्लादेश के ढाका की इस लड़की को बांग्लादेश के सिराजगंज जिले का रहने वाला पीएचडी शोधार्थी पांच अगस्त 2014 को शांतिनिकेतन के गुरुपल्ली इलाके में स्थित अपने किराए के घर में ले गया और उसका बलात्कार किया। वह लड़की का स्थानीय अभिभावक भी था।
इसके बाद इस्लाम ने अपने मोबाइल फोन में आपत्तिजनक स्थितियों में लड़की की कुछ तस्वीरें ले लीं और फिर उसे ब्लैकमेल किया ताकि वह अपराध के बारे में किसी को नहीं बताए। लगातार चार महीनों तक आरोपी ने अपने किराए के मकान में लड़की का यौन उत्पीड़न किया। अंतत: पीड़ित ने पांच दिसंबर 2014 को शांतिनिकेतन थाने में शिकायत दर्ज कराने की हिम्मत जुटाई।
आलम ने कहा कि इस्लाम पर पोक्सो कानून की धारा चार के तहत आरोप लगाया गया और जेल की सजा के अलावा उसे दस हजार रुपए का जुर्माना लगाने का भी आदेश दिया गया। अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार को पीड़ित लड़की को पांच लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है।