कैराना से हिंदू परिवारों के कथित पलायन की खबरों के बीच विश्‍व हिंदू परिषद् ने एक राज्‍यव्‍यापी सर्वे शुरू किया है। संगठन का मकसद उन इलाकों की पहचान करनी है, जहां बीते सालों में मुसलमानों के मुकाबले हिंदुओं की आबादी कम हुई है।

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23 जून से पटना में शुरू हो रही तीन दिवसीय बैठक में वीएचपी के देश भर के 225 से ज्‍यादा पदाधिकारी जुटेंगे। ये कैराना और दूसरे इलाकों में हिंदू आबादी के कम होने और हिंदू आबादी के अल्‍पसंयक बनने के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। ये पदाधिकारी एक एक्‍शन प्‍लान भी तय करेंगे, जिसे संगठन के सदस्‍य अंजाम देंगे। मकसद यह है कि इन इलाकों से हिंदू आबादी का विस्‍थापन न हो।

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विश्‍व हिंदू परिषद् के नेशनल ज्‍वाइंट सेक्रेटरी सुरेंद्र जैन ने कहा, ‘मुस्‍ल‍िम बहुल इलाकों से हिंदुओं के विस्‍थापन की खबरें देश भर के विभिन्‍न इलाकों से काफी वक्‍त से आती रही हैं। वीएचपी यह मामला उठाते रही है। लेकिन यूपी में हालात बेहद गंभीर हैं। चूंकि, कैराना का मामला मीडिया में काफी हाईलाईट हो चुका है, संगठन के सभी जिला यूनिटों को कहा गया है कि वे उन इलाकों की पहचान करें, जहां हिंदुओं की संख्‍या में कमी आई है।’ जैन ने दावा किया, ‘शनिवार तक हमें पश्‍च‍िमी यूपी के 60 ऐसे इलाकों के बारे में पता चला, जहां 30 साल पहले तक हिंदू बहुसंख्‍यक थे। अब वहां मुस्‍ल‍िम आबादी ज्‍यादा है।’ जैन के मुताबिक, अध‍िकतर इलाके इन जिलों में हैं-मेरठ, मुजफ्फरनगर, संभल, शामली, अमरोहा, बिजनौर, रामपुर। जैन ने कहा कि इस इलाकों में हिंदू आबादी 15 पर्सेंट से घटकर 8 पर्सेंट रह गई है।

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