बिहार के एक गांव में प्रशासन की लापरवाही और कार्य व्यवस्था से परेशान होकर ग्रामीणों ने अधिकारियों को 12 घंटे के लिए बंधक बना लिया। अधिकारी यहां पीड़ित परिवार को सरकारी सहायता देने पहुंचे थे, लेकिन गांव वाले इतने गुस्से में थे कि उन्होंने अधिकारियों को 12 घंटे तक गांव से निकलने नहीं दिया। दरअसल, गांव वाले इस बात से परेशान थे कि प्रशासन मदद के समय उनकी बात नहीं सुनता है।
गांव में एक हादसे में 3 लोगों की मौत को लेकर ग्रामीणों का आरोप है कि हादसे के दिन से मौत हो जाने तक किसी ने पीड़ित परिवार की सुध नहीं ली और ना ही इलाज में कोई मदद की। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय पर मदद की गई होती तो मरने वालों की जान बचाई जा सकती थी।
यह मामला हाजीपुर के वैशाली जिले के चेराकला का है, जहां 28 सितंबर को सिलेंडर लीक के बाद आग लग गई थी। इस हादसे में एक ही परिवार के 5 लोग झुलस गए थे। बुरी तरह से आग में झुलसे लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा था, जिनमें से 3 की मौत हो गई थी और 2 लोगों का इलाज चल रहा है। पीड़ित परिवार के लोग 6 दिनों तक लगातार सरकारी मदद के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी।
हादसे के 6 दिन बाद अधिकारी सरकारी मदद लेकर पीड़ित परिवार के पास पहुंचे और सरकारी मदद का प्रस्ताव ग्रामीणों के सामने रख तो वह भड़क गए। इसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस अधिकारियों को बंधक बना लिया। जब इस बात की जानकारी पुलिस महकमे को लगी तो एसडीएम और एसडीपीओ के साथ अधिकारी और पुलिस बल मौके पर पहुंचे।
इसके बाद अधिकारियों ने चौपाल लगाई और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की। हालांकि, ग्रामीण काफी गुस्से में थे, जिस वजह से उन्होंने अधिकारियों को खूब खरी खोटी सुनाई।
