विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि वह राजधानी में सब्जियों और फलों के बढ़ते दामों पर लगाम लगाए और जनता को सब्जी और फल उपलब्ध कराने के लिए मदर डेयरी और सफल जैसी नई सरकारी दुकानें खोलकर सस्ते दामों पर बिक्री की व्यवस्था करे।
गुप्ता ने कहा कि बारिश की आड़ लेकर दिल्ली में सब्जियों और फलों के दामों में भारी बढ़ोतरी कर दी गई है। इससे राजधानी के लाखों लोगों को अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा सब्जियों और फलों पर खर्च करना पड़ रहा है, जिससे उनका घरेलू बजट पूरी तरह चौपट हो गया है। इसका असर बच्चों की पढ़ाई, खर्च और स्वास्थ्य बजट पर भी पड़ रहा है।

गुप्ता ने बताया कि इस समय राजधानी में आलू 30 रुपए किलो, प्याज 30 रुपए किलो, घिया 60 रुपए किलो, सीताफल 40 से 50 रुपए किलो, करेला 80 रुपए किलो, भिंडी 60 से 70 रुपए किलो, बींस 100 रुपए किलो, गोभी 120 से 150 रुपए किलो, टमाटर 50 से 60 रुपए किलो, पालक 80 रुपए किलो, तोरई 80 रुपए किलो, अदरक 150 रुपए किलो, लहसुन 300 से 400 रुपए किलो, बैंगन 60 से 80 रुपए किलो, पत्ता गोभी 80 से 100 रुपए किलो, चैलाई 80 रुपए किलो, अरबी 100 रुपए किलो और लोबिया 80 रुपए किलो में बिक रहा है। सब्जी के अलावा फलों के दाम बताते हुए उन्होंने कहा कि आम 150 रुपए किलो, केला 80 रुपए दर्जन, सेब 200 रुपए किलो, अनानास 100 रुपए प्रति पीस, अनार 150 रुपए किलो, आलू बुखारा 120 रुपए किलो, बब्बूगोशा 120 रुपए किलो और पपीता 60 रुपए किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि थोक मंडी में इन्हीं वस्तुओं के दाम आधे से भी कम हैं। अगर सरकार इनकी बिक्री की उचित व्यवस्था करे तो आम जनता को लूट से मुक्ति मिल सकती है।

गुप्ता ने कहा कि एसोचैम के मुताबिक, फल-सब्जी के दामों में भारी वृद्धि के लिए सप्लाई चेन में गड़बड़ी जिम्मेदार है। अगर सरकार सप्लाई चेन को प्रभावी और दुरुस्त बना दे तो दामों में आधी कमी हो सकती है। एसोचैम ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में फलों और सब्जियों के थोक दामों में 30 से 40 फीसद की वृद्धि और हो जाएगी। गुप्ता ने दिल्ली के खाद्य व आपूर्ति मंत्री से मांग की है कि वे एसोचैम की चेतावनी को गंभीरता से लें और दिल्लीवासियों को सब्जियों व फलों की आपूर्ति को सस्ते दामों पर कराएं।