विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने सोमवार को उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर यह आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार में अधिकारियों की कमी एक बहाना है। इसके पीछे इरादा आम आदमी पार्टी से सहानुभूति रखने वाले सेवानिवृत अधिकारियों की नियुक्ति कर मोटी तनख्वाह से लाभांवित करना है।

गुप्ता ने कहा कि वस्तुस्थिति यह है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार दिल्ली में इस समय 180 अधिकारी नियुक्त हैं। जबकि मनीष सिसोदिया ने यह संख्या 65 होने का दावा किया है। जिन आठ अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है उसके स्थान पर नए अधिकारी दिल्ली सरकार को भेजे जा रहे हैं। सरकार में अधिकारियों का आना-जाना एक प्रक्रिया है और इसके कारण कोई भी सरकार ठप नहीं होती।

मनीष सिसोदिया ने यह गलत कहा है कि अंडमान तथा निकोबार आइसलैंड में 34 में से 33 दानिक्स अधिकारी नियुक्त हैं और आठ और भेजे जा रहे हैं।

वस्तुस्थिति यह है कि वहां 10 अधिकारियों की कमी है, जिनके भरे जाने के लिए वहां के उपराज्यपाल पहले ही मांग कर चुके हैं। इस समय वहां पर 34 स्वीकृत पदों में से मात्र 20 ही भरे हुए हैं। अत: केजरीवाल सरकार का आरोप आधारहीन है ।