पंजाब के भटिंडा के रहने वाले 13 वर्षीय विजय जब छोटे बच्चे थे, तभी एक बीमारी की वजह से उन्होंने दोनों पैर खो दिए। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। अपने मंजिल की ओर बढ़ते गए। सामान्य बच्चे की तरह सभी काम करने की कोशिश की। उसी का नतीजा है कि वे दिव्यांग होते हुए भी लुधियाना में आयोजित डांस प्रतियोगिता के फाइनल में हिस्सा लेंगे। विजय कहते हैं, “मैं एक अच्छा डांसर बनना चाहता हूं। फिलहाल मैं 7 अक्टूबर को लुधियाना में आयोजित डांस प्रतियोगिता के फाइनल में भाग लूंगा। मेरी मां, दोस्त और शिक्षकों ने हमेशा मेरा साथ दिया। आज मैं जो कुछ भी हूं, उनलोगों की बदौलत ही हूं। हर मौके पर जहां भी मुझे परेशानी हुई, इन सभी लोगों ने मेरा हौंसला बढ़ाया। डांस प्रतियोगिता के फाइनल में भाग लेना मेरे लिए आसान नहीं था। लेकिन अपने परिजनों, दोस्तों और शिक्षकों की बदौलत मैं इस मुकाम पर पहुंच सका।”

“भविष्य में क्या बनना चाहते हैं” सवाल के जवाब में विजय कहते हैं, “मैं आगे चलकर इंजिनियर बनना चाहता हूं। इसके लिए मैं अभी से ही पूरी तैयारी कर रहा हूं। मेरे साथ परिवारवालों और शिक्षकों का सपोर्ट है।” बीमारी की वजह से छोटी उम्र में ही विजय के पेर को ऑपरेशन के बाद काटना पड़ा था। लेकिन इसके बावजूद जिंदगी की दौड़ में वे दूसरों को पीछे छोड़ रहे हैं। आम बच्चों की तरह साइकिल भी चलाते हैं और डांस भी करते हैं। अपने सपनो को पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी मजबूरियों को कभी रूकावट नहीं बनने दिया। 7 अक्टूबर को अायोजि डांस मुकाबले में अपना बेहतर प्रदर्शन करने के लिए वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

विजय द्वारा लुधियाना में डांस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की खबर पर सोशल मीडिया यूजर्स भी उनकी काफी तारीफ कर रहे हैं। एक यूजर लिखते हैं, “मैं आपके जज्बे को सलाम करता हूं। इसे यूं ही बनाए रखिए।” वहीं, अन्य यूजर्स ने भी उन्हें शुभकामनाएं दी है।