राजधानी दिल्ली में गुरुवार (30 जून) की सुबह जमकर बारिश हुई जिसके चलते मौसम सुहाना हो गया और लोगों को गर्मी और उमस से थोड़ी निजात मिली। वहीं, दूसरी ओर कई लोगों को बारिश के चलते भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई जगहों पर दिल्ली एनसीआर की सड़कें तालाब बन गईं जिसकी वजह से लंबा जाम लग गया। पर हैरानी की बात ये रही कि दिल्ली में सबसे अधिक जलभराव वाली जगह मानी जाने वाली मिंटो रोड पर इस बार जलभराव नहीं हुआ।
गुरुवार सुबह हुई बारिश के चलते दिल्ली के कई हिस्सों आईटीओ, बारापुला, रिंग रोड और राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं, खासतौर पर दिल्ली-नोएडा बॉर्डर, चिल्ला बॉर्डर, यूपी गेट, दिल्ली-गुरुग्राम सड़क पर भारी जाम लग गया। पर भारी बारिश के बावजूद भी मिंटो रोड पर जलजमाव नहीं हुआ। गौरतलब है कि मिंटो रोड बारिश के मौसम में जलभराव के लिए जाना जाता है। यहां हर साल बरसात के मौसम में पानी का भराव हो जाता है।
मिंटो ब्रिज के नीचे जलभराव नहीं: इस बार हुई बारिश में मिंटो रोड की ऐसी तस्वीर सामने आई कि सोशल मीडिया यूजर्स को अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हुआ। न्यूज एजेंसी ANI ने मिंटो रोड का वीडियो शेयर किया, जिसमें देखा जा सकता है कि मिंटो ब्रिज के नीचे जलभराव नहीं हुआ है। यातायात भी आराम चल रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पर तरह-तरह के रिएक्शन दिए।
Witty (@prettywittyy) नाम के यूजर ने लिखा, “मनोज तिवारी मोदी जी को क्रेडिट देते हुए ट्वीट तो नहीं करेगा? सोनाली झा (@sonalijha_) ने लिखा, “ये भी मोदी जी ने किया है ना? केजरीवाल को रिजाइन दे देना चाहिए।” अजय (@ajaydaga05) नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, “थैंक यू नेहरू जी।”
बारिश होते ही मिंटो ब्रिज के नीचे जलभराव: दिल्ली का मिंटो ब्रिज हर साल मॉनसून में पानी-पानी हो जाता था। जलभराव की वजह से मिंटो रोड पर हर बार यातायात बंद करना पड़ता है। ट्रैफिक पुलिस पहले ही यहां से गुजरने से बचने की सलाह देती है। इस बार दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जून के पहले सप्ताह में पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी।
बैठक में मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि मानसून से पहले सभी चिन्हित स्थानों पर जलजमाव को रोकने से संबंधित किए जा रहे काम पूरे हो जाने चाहिए, ताकि आम जनता को किसी भी तरह की परेशानी न हो। जिसके चलते इस बार ब्रिज के नीचे भूमिगत पंपों के साथ स्वचालित पंपों का निर्माण किया गया है। इससे भारी बारिश की स्थिति में पानी तेजी से निकाला जा सकेगा। अस्थायी पंपों को भी स्टैंडबाय पर रखा जाएगा ताकि उन्हें जल्दी से तैनात किया जा सके।