Kerala High Court: केरल के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के इस्तीफे के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। याचिकाओं पर विचार के लिए केरल उच्च न्यायालय आज शाम विशेष सत्र आयोजित करेगा। जस्टिस देवन रामचंद्रन की एकल पीठ याचिकाओं पर विचार करेगी। इसके पहले रविवार (23 अक्टूबर) को केरल के राज्यपाल ने राज्य के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से इस्तीफा देने का आदेश जारी किया था।
केरल के राज्यपाल के जारी आदेश के मुताबिक केरल विश्वविद्यालय के कुलपति, महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, केरल मत्स्य पालन और महासागर अध्ययन विश्वविद्यालय, कन्नूर विश्वविद्यालय, एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, श्री शंकराचार्य विश्वविद्यालय संस्कृत, कालीकट विश्वविद्यालय और थुनाचथ एज़ुथाचन मलयालम विश्वविद्यालय को अपने पदों से इस्तीफा देने के लिए कहा गया है। राज्यपाल ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखते हुए आदेश जारी किया जिसमें एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया था।
कन्नूर विश्वविद्यालय के वीसी ने कहा नहीं देंगे इस्तीफा
राजभवन ने कहा कि खान ने यह भी निर्देश दिया कि इस्तीफे सोमवार को सुबह 11.30 बजे तक उनके पास पहुंच जाएं। कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति गोपीनाथ रवींद्रन ने सोमवार को कहा कि वह अपना इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने कहा, “मुझे केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का फैसला मिल गया है, लेकिन मैं अपना इस्तीफा नहीं दूंगा। वीसी का इस्तीफा या तो वित्तीय अनियमितताओं या बुरे व्यवहार पर आधारित है और इनमें से कुछ भी यहां नहीं हुआ है। यह एक फर्जी आरोप है।”
राजभवन के पीआरओ के ट्वीट में दी गई थी जानकारी
केरल राजभवन के पीआरओ के हवाले से एक ट्वीट में कहा कि यूजीसी के विनियमों के अनुसार भी, कुलाधिपति/कुलपति खोज समिति द्वारा अनुशंसित नामों के पैनल में से कुलपति की नियुक्ति करेंगे। इसलिए, जब केवल एक नाम की सिफारिश की गई थी और नामों के पैनल की सिफारिश नहीं की गई थी तो ऐसे में कुलाधिपति के पास अन्य उम्मीदवारों के नामों पर विचार करने का कोई विकल्प नहीं था।
कुलपति के नियुक्ति की जिम्मेदारी कुलपति की सरकार की नहींः सुप्रीम कोर्ट
एक कार्यक्रम में, राज्यपाल खान ने केरल के विभिन्न विश्वविद्यालयों में वीसी की नियुक्ति के मुद्दे की ओर इशारा करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि कुलपति की नियुक्ति राज्यपाल की जिम्मेदारी थी। उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि कुलपति की नियुक्ति ही कुलाधिपति की जिम्मेदारी है। इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है।”