विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) ने तीर्थयात्रा के दौरान पाकिस्तानी आतंकियों की ओर से खतरे का हवाला देते हुए कश्मीर में होने वाली तीन प्रमुख यात्राओं को फिलहाल रद्द कर दिया है। शनिवार (3 अगस्त) को लिए गए फैसले में सालाना ‘बूढ़ा अमरनाथ यात्रा’ रद्द करने का ऐलान कर दिया। जम्मू क्षेत्र के पुंछ जिले में वीएचपी की ओर से आयोजित 10 दिन की यह यात्रा 6 अगस्त से शुरू होनी थी। इसके अलावा दो और यात्राएं रद्द की गई हैं।

यूएस मेड राइफल मिलने के बाद लिया फैसलाः वीएचपी पदाधिकारी लीला कर्ण शर्मा ने पत्रकारों को बताया, ‘कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के मार्ग से अमेरिका में निर्मित स्राइपर राइफल और बारूदी सुरंग मिलने के बाद उपजी असुरक्षा की स्थिति के मद्देनजर हमने तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बूढ़ा अमरनाथ यात्रा को रद्द करने का फैसला किया है।’ वार्षिक अमरनाथ यात्रा को भी सुरक्षा कारणों से रोक दिया गया है।

कौसर नाग और माछिल चात्रा भी रोकी गईः शर्मा ने बताया कि स्थिति की समीक्षा के लिए बुलाई गई आम बैठक में यात्रा को रद्द करने के संबंध में निर्णय लिया गया। शर्मा के साथ बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक सोहन सिंह सोलंकी समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। शर्मा ने बताया कि वीएचपी ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में होने वाली कौसर नाग यात्रा और किश्तवाड़ जिले की माछिल यात्रा को भी रद्द करने का फैसला किया है।

25 हजार यात्रियों ने कराया था रजिस्ट्रेशनः सोलंकी ने तीर्थयात्रियों को रोके जाने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए कहा कि वह बूढ़ा अमरनाथ यात्रा के लिए प्रबंधों की समीक्षा के लिए यहां आए थे। उन्होंने कहा कि देशभर से 25 हजार से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने यात्रा के लिए पंजीकरण कराया था। उन्हें इसके रद्द होने के बारे में जानकारी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार 5 अगस्त को एक विशेष पूजा में हिस्सा लेंगे और प्रशासन की अनुमति के साथ सीमित संख्या में तीर्थयात्री 6 अगस्त को बूढ़ा अमरनाथ मंदिर में दर्शन करेंगे।