राजस्थान के सभी जिला कलेक्टरों और एसपी की तीन दिन की कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सरकार की योजनाओं में कोताही बरतने वाले अफसरों को चेताने का काम किया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जनहित की योजनाओं में कोताही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने जयपुर के विमंदित गृह में हुई बच्चों की मौत की घटना पर कहा कि इस तरह की घटनाएं भी सहन नहीं की जाएंगी। उन्होंने मंत्रियों के साथ ही आला अफसरों को निर्देश दिया कि वे अपने अपने इलाकों विमंदित गृहों, बालआश्रम, वृद्धाआश्रम, छात्रावासों को अचानक निरीक्षण कर इनके हालत में सुधार के कदम उठाएं।

राज्य के तमाम आला अफसरों और मंत्रियों की मौजूदगी में शुरू हुई कॉन्फ्रेंस के पहले दिन बुधवार (4 मई) को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश को देश में खुशहाली वाले राज्यों में अव्वल बनाने का संदेश दिया। उन्होंने स्वस्थ, शिक्षित और आर्थिक तौर पर मजबूत प्रदेश बनाने के लिए टीम राजस्थान को हर चुनौती के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने अफसरों को भामाशाह स्वास्थ बीमा योजना, आरोग्य राजस्थान,पेयजल, बिजली, दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों पर फोकस रखने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 19 जिलों के 14 हजार गांव अकाल का सामना कर रहे हैं। इन जिलों में पूरी संवेदनशीलता के साथ प्रशासन को लोगों को राहत पहुंचाने का काम करना होगा। पशुओं को भी संकट से बचाने की दिशा में काम करना होगा। प्रदेश में पशुधन लोगों के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। राजे ने कलेक्टरों से कहा कि उन्हें अपने जिलों में हर महीने नियमित तौर पर बिजली, पानी और मौसमी बीमारियों की समीक्षा करनी होगी। जिला कलेक्टर नियत समय पर अपने एसडीओ के साथ मिल कर जनसमस्याओं का समाधान करें और राज्य स्तर की समस्या फौरन उच्च स्तर पर बताएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कलेक्टरों की लापरवाही, भ्रष्टाचार और निष्क्रियता पर सरकार का जीरो टोलरेंस रहेगा। कलेक्टरों की छवि पारदर्शी और संवेदनशील होनी चाहिए। जिलों में राज्य सरकार का चेहरा कलेक्टर होता है। जयपुर के विमंदित गृह में बच्चों की मौत पर भी मुख्यमंत्री ने कड़ा रवैया अपनाया। उनका कहना था कि समाज के ऐसे कमजोर वर्गों के लिए बनाए गए रहने के आवास संस्थानों की व्यवस्था का अफसर लगातार निरीक्षण करें। इनमें पोष्टिक भोजन, शुद्व पेयजल, साफ सफाई, चिकित्सा आदि की सुविधाओं में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि विमंदित बच्चों की मौत जैसी घटनाओं को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस में तीन दिन तक सभी जिलों की विकास योजनाओं और कानून व व्यवस्था के साथ ही आने वाले समय की कार्ययोजना पर मंथन होगा। सभी कलेक्टर्स अपने अपने जिलों की समस्याओं और उनके समाधान के बारे में जानकारी देंगे। इसमें सरकार के विभागों के प्रेजेंटेशन प्रमुख सचिव देंगे। इसके साथ ही मंत्रियों के साथ अफसरों की समूह चर्चा भी होगी। मुख्य सचिव सीएस राजन ने कॉन्फ्रेंस के पहले दिन सरकार की योजनाओं के साथ ही जिलों की समस्याओं और कानून-व्यवस्था पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि प्रशासन को सरकार की योजनाओं को पूरी मेहनत के साथ जनता के लिए लागू करने की दिशा में काम करना होगा।