वंतारा ने मंदिर की हथिनी माधुरी (जिन्हें महादेवी भी कहा जाता है) के स्थानांतरण को लेकर एक आधिकारिक बयान जारी किया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि यह कदम माननीय सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार ही उठाया गया था। वंतारा ने कहा, “हम कोल्हापुर में माधुरी जी को लेकर भक्तों, जैन मठ के नेताओं और आम जनता की भावनाओं का पूरा सम्मान करते हैं।” संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने इस स्थानांतरण की न तो पहल की थी और न ही इसकी सिफारिश की थी, तथा उसका धार्मिक भावनाओं को आहत करने का कोई इरादा नहीं था।
बयान में यह भी कहा गया है कि यदि जैन मठ और महाराष्ट्र सरकार माधुरी जी को कोल्हापुर वापस लाने के लिए अदालत में कोई याचिका दायर करते हैं, तो वंतारा उसमें पूरा सहयोग देगा। “कोर्ट की अनुमति मिलने पर वंतारा उनके सुरक्षित और गरिमापूर्ण वापसी के लिए पूरी तकनीकी और पशु-चिकित्सकीय मदद प्रदान करेगा।”
एक सकारात्मक पहल के रूप में, वंतारा ने कोल्हापुर के नंदनी क्षेत्र में माधुरी के लिए एक उपग्रह पुनर्वास केंद्र (Satellite Rehabilitation Centre) बनाने का प्रस्ताव रखा है। यह केंद्र महाराष्ट्र सरकार और जैन मठ के साथ मिलकर स्थापित किया जाएगा। “यह सुविधा पशु कल्याण के स्थापित नियमों के अनुरूप, उच्च स्तरीय विशेषज्ञों की सलाह से और मठ की सहमति के साथ, अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित की जाएगी।”
बयान की संवेदनशील और सम्मानजनक भाषा, तथा इस प्रस्तावित पुनर्वास योजना के पीछे की करुणा को देशभर में सराहना मिल रही है। इस सोच का श्रेय अनंत अंबानी को जाता है, जिनकी पशु कल्याण और संरक्षण के प्रति गहरी निजी प्रतिबद्धता वंतारा की दिशा तय कर रही है। उनके नेतृत्व में वंतारा भारत में नैतिक, वैज्ञानिक और करुणा-आधारित पशु देखभाल का एक उदाहरण बन गया है।
वंतारा ने दोहराया कि वह कानून के पालन, पारदर्शी संवाद और सर्वोच्च पशु देखभाल मानकों के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। अनंत अंबानी के मार्गदर्शन में संगठन प्यार, ज़िम्मेदारी और जानवरों व इंसानों – दोनों के सम्मान पर आधारित संरक्षण मॉडल के निर्माण की दिशा में कार्य करता रहेगा।