कानपुर में पिछले चार महीनों से 400 से अधिक चमड़ा कारखाने बंद पड़े हैं। इन चमड़ा कारखानों में चार महीने पहले मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से एक मौखिक आदेश के तहत कुंभ के मद्देनजर काम बंद करने को कहा गया था। इस बंद के बाद से शहर का चमड़ा उद्योग काफी प्रभावित हो रहा है।

टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार जाजमऊ क्षेत्र में 402 टैनरीज को मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से काम बंद करने का मौखिक आदेश मिला। ये बात टैनरीज मालिक कह रहे हैं। जबसे ऊपर से यह आदेश आया है उसके बाद से क्लियरेंस देने वाली सभी एजेंसियां राजनीतिक मंजूरी का इंतजार कर रही हैं।

कारखानों के बंद होने से टैनरीज मालिकों के साथ ही इनके मजदूर व इनसे जुड़ें सैकड़ों अन्य लोग भी प्रभावित हो रहे हैं। प्रशासन के अनुसार इन चमड़ा कारखानों से गंगा प्रदूषित होती है। 14 जनवरी से 4 मार्च तक अर्द्ध कुंभ के में साधु-संत पवित्र गंगा में डुबकी लगा सकें इसके लिए इन कारखानों को बंद कराए जाने की जरूरत थी।

बंद पड़े 402 चमड़ा कारखानों में से 395 के मालिक मुस्लिम है लेकिन इस उद्योग से सभी समुदाय के लोग जुड़े हैं। इसमें सीधे रूप से मजदूरों के साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से केमिकल सप्लायर, ट्रांसपोर्टर और लोडर जैसे कई लोग जुड़े हैं। कारखानों के बंद होने से यह सभी लोग बेरोजगार हो गए हैं।

अयाज टेनरी के मालिक हाजी अयाज का कहना है, ‘सभी लोग बेरोजगार हो गए हैं। भले ही यह अस्थायी रूप से हो लेकिन हमें अपने स्थायी कर्मचारियों को भुगतान करने के साथ ही बिजली और पानी का मिनिमम चार्ज तो देना ही पड़ रहा है।’ इस निर्णय से सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है, जो प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को विपरीत है।

टैनरीज के बंद होने और बूचड़खानों पर प्रतिबंध लगने के कारण पहले ही प्रोडक्शन बाधित होता रहा है। इससे वास्तव में पाकिस्तान और बांग्लादेश को फायदा हो रहा है। इसका कारण है कि खरीददार बिना किसी बाधा के लगातार सप्लाई चाहते हैं। इस बारे में चमड़े का तैयार सामान बेचने वाले फैसल अहमद कहते हैं, ‘विदेशी ग्राहकों का कानपुर की लेदर इंडस्ट्री में भरोसा खत्म हो रहा है। हमारे पास स्टॉक खत्म है।

29 बड़ी टैनरीज के रेट बढ़ा देने का कारण हम भी बाहर से चमड़ा आयात कर रहे हैं। ‘ चमड़ा कारखाने से जुड़े सवाल पर भाजपा उम्मीदवार सत्यदेव पचौरी का कहना है कि हम गंगा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता से समझौता नहीं कर सकते हैं।