उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जिला प्रशासन ने सड़कों पर सभी प्रकार की धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगा दी है। जिला प्रशासन ने इस कदम के पीछे जिले में बढ़ते तनाव का हवाला दिया है। प्रशासन को इस आशय की खबरें मिली थीं कि कुछ दक्षिण पंथी समूह सड़कों पर मुस्लिम समुदाय के नमाज पढ़े जाने के विरोध में आरती और हनुमान चालीसा का पाठ से जुड़ा कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।
अलीगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) सीबी सिंह का कहना है कि बिना पूर्व अनुमति के सड़कों पर किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि आयोजित करने की इजाजत नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘मैंने इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों से बात की है और उनसे इस मुद्दे की संवेदनशीलता के बारे में कहा है।
इस तरह की गतिविधियों, विशेषकर संवेदनशील क्षेत्रों में होने से कानून और व्यवस्था की स्थिति प्रभावित होती है।’ उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध ईद के त्योहार को छोड़कर सामान्य रूप से नमाज अदा करने पर भी लागू होगा। जिला प्रशासन के इस कदम पर भाजपा नेता मानव महाजन ने सवाल उठाए हैं।
वहीं, सुन्नी धर्म गुरू मौलाना खालीद रशीद फरंगी महली ने लोगों से इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करने को कहा है। मौलाना खालिद रशीद ने कहा, ‘इस तह की खबरें हैं कि लोग सड़कों पर नमाज पढ़े जाने के विरोध में आरती और हनुमान चालीसा के पाठ का कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।’
उन्होंने यह कहा कि लोगों को यह समझना चाहिए कि जब मस्जिदों में लोगों की संख्या अधिक हो जाती है उसी सूरत में कभी-कभी लोगों को मजबूरन सड़क पर नमाज अदा करनी पड़ती है। यहां तक कि अन्य धर्म में भी जब पूजा स्थल पर जगह नहीं रहती तो लोग बाहर खड़े होकर प्रार्थन करते हैं।
मौलाना रशीद ने यह भी कहा, ‘मैं सभी से यह आग्रह करना चाहूंगा कि इसे मुद्दा नहीं बनाएं। साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोग भी मस्जिद के भीतर ही नमाज पढ़ने की कोशिश करें।’ उन्होंने कहा,’मैं सभी हिंदु भाइयों से आग्रह करता हूं कि आरती और हनुमान चालीसा पवित्र चीज हैं और राजनीतिक हित के लिए इनका प्रयोग नहीं होना चाहिए।’
कई दशकों से चला आ रहा हिंदू-मुस्लिम भाईचारा किसी भी कीमत पर बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं मुस्लिमों से यह आग्रह करता हूं कि वह अभी चल रही कावंड़ यात्रा में सहयोग करें।