उत्तराखंड में जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए राज्य के वन मंत्री हरक सिंह रावत भी मैदान में कूद पड़े। इसको लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है। 30 सेकंड की क्लिप में रावत सोमवार को पौड़ी जिले में एक झाड़ी का उपयोग करके जंगल की आग को बुझाने की कोशिश करते हुए दिख रहे है।
पिछले छह महीनों में राज्य में जंगल की आग की 1,000 से अधिक घटनाएं हुई हैं, जिसमें 45 से अधिक घटनाएं सिर्फ रविवार को हुईं। उत्तराखंड सरकार ने मदद और सहायता के लिए केंद्र और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) से गुहार लगाई है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक भी की। जनवरी के बाद से, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश (कुल्लू घाटी) और नागालैंड-मणिपुर सीमा (दजुकौ घाटी) में जंगल में आग लगने का सिलसिला जारी है। हालांकि, आग लगने के कई वजह हैं। अफसरों के मुताबिक देश में ज्यादातर आग मानवीय गतिविधियों से भड़कती हैं।
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दरअसल राज्य में आग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। वन कर्मी एक जंगल की आग बुझा रहे हैं तो दूसरा जंगल धधकता जा रहा है। पिथौरागढ़ में फायर स्टेशन सेना अस्पताल के पास झाड़ियों में आग लग गई। नगर के भाटकोट में जल संस्थान की टंकी के चारों तरफ आग लग गई। कस्तूरी मृग विहार क्षेत्र के घनधूरा रेंज में कई दिनों से लगी भीषण आग के कारण जंगली जानवरों पर खतरा मंडरा रहा है।
डीडीहाट वन रेंज के पमस्यारी, लालघाटी, थल डीडीहाट वन क्षेत्र, नारायणनगर वन क्षेत्र में कई दिनों से आग लगी है। मूनाकोट, कनालीछीना विकासखंड के पनखोली, पलेटा, लछैर, मड़मानले, ध्वज, बड़ालू आदि स्थानों पर जंगल धधक रहे हैं।
गंणाईगंगोली के ग्राम पंचायत लाखटोली में 19 लुट्टे जल गए। चंपावत के पास मानेश्वर में चीड़ के जंगल में शुक्रवार की रात अचानक आग लग गई। देखते ही देखते करीब एक हेक्टेयर क्षेत्र में आग भड़क गई। वन विभाग के प्रयासों से डेढ़ घंटे में आग पर काबू पा लिया गया। पाटी क्षेत्र के छिनकाछिना, जौलमेल, गर्सलेख के जंगलों में आग बेकाबू हो गई। शनिवार को जंगल की आग पाटी के रामलीला मैदान तक पहुंच गई।