Uttarakhand News: उत्तराखंड से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है, जहां एक संदिग्ध गौ-तस्कर को पकड़ने के लिए उसका पीछा कर रही थी। इस कथित गो-तस्कर की तालाब में डूबकर हुई मौत ने इलाके में एक बड़ा बवाल खड़ा कर दिया। संदिग्ध का पीछा कर रही पुलिस टीम पर स्थानीय लोग भड़क गए। उन्होंने पुलिस टीम के बड़े अधिकारियों पर हमला बोल दिया और उन्हें घेरकर बंधक बना लिया।
दरअसल, राज्य के हरिद्वार के रुड़की की है, जहां के माधोपुर गांव में पुलिस टीम को बड़े विरोध का सामन करना पड़ा। संदिग्ध गो-तस्कर मृतक की पहचान वसीम के तौर पर हुई है, जिसका पुलिस पीछा कर रही थी। हरिद्वार पुलिस द्वारा जारी बयान के मुताबिक रविवार की सुबह कोतवाली गंगनहर इलाके में गो रक्षा दल ने गोमांस तस्करी की सूचना दी थी।
पुलिस ने रोका तो तालाब में कूद गया शख्स
पुलिस के मुताबिक सूचना मिलने के बाद उन्होंने माधोपुर गांव में एक संदिग्ध स्कूटर सवार को रोका था। पुलिस ने दावा किया कि इसके बाद वह शख्स स्कूटर छोड़कर भाग ने लगा और वह गांव के ही एक तालाब में कूद गया, जहां डूबने से उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि इलाके की भीड़ ने पुलिस टीम को घेर लिया और आरोप लगाया कि पुलिस ने संदिग्ध शख्स की हत्या करके उसके श को तालाब में फेंक दिया।
पुलिस ने लिया एक्शन
पुलिस ने जानकारी दी है कि कथित गोमांस तस्करी से लेकर भीड़ द्वारा हमले और सोशल मीडिया के माध्यम से तनाव भड़काने के मामले में FIR दर्ज कर ली गई है। इस मामले में FIR दर्ज करने वाले शिकायतकर्ता सब इंस्पेक्टर शरद सिंह ने कहा कि उनकी टीम दोपहर करीब 1.30 बजे माधोपुर गांव में गश्त के बाद सालियार लौट रही थी, तभी एक स्कूटर सवार ने अचानक तेज गति से एक गली में स्कूटर चलाया, जिससे उसका नियंत्रण खो गया और वह गिर गया, लेकिन वह तुरंत उठकर भाग गया।
पुलिस ने लगाए भीड़ पर सबूत मिटाने के आरोप
FIR में पुलिस अधिकारी शरद सिंह ने कहा कि जब शख्स स्कूटर छोड़कर भाग गया, तो हमें संदेह हुआ कि कोई अपराध हुआ है। टॉर्च की रोशनी में इलाके का निरीक्षण करने पर, हमें स्कूटर के पास एक नीले रंग का प्लास्टिक बैग मिला, जिसमें सात ट्रांसपेरेट बैग में 35 किलो गुलाबी रंग का, वसायुक्त मांस था… हमने डिक्की खोली और उसमें 15 किलो अतिरिक्त मांस पाया, जो शुरुआती आकलन के आधार पर गोमांस लग रहा था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि जल्द ही भीड़ इकट्ठा हो गई, उनकी टीम को घेर लिया, एक कांस्टेबल को धमकाया और उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें बंधक बना लिया। इस दौरान, भीड़ में से कुछ लोगों ने बरामद मांस और परिवहन के लिए इस्तेमाल किए गए स्कूटर को गायब कर दिया। भीड़ ने हम पर उनके आदमी को गोली मारने और उसे पास के तालाब में फेंकने का आरोप लगाया… लगभग 100-150 लोगों ने हमारे काम में बाधा डाली, हमें बंधक बना लिया, गाली दी, हमें पीटा, हमें जान से मारने की धमकी दी और घटनास्थल से सबूत मिटा दिए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने बीएनएस की धारा 190, 191 (2) (दंगा), 132, 115 (2), 352, 351 (3) समेत कई अहम धाराओं में केस दर्ज किया है। इसके अलावा 238, 126 (2), 121 (1) और उत्तराखंड गोवंश संरक्षण अधिनियम, 2007 की धाराओं के तहत अलाउद्दीन और लगभग 100-150 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।