उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत को सीबीआई ने जांच के लिए तलब किया है। उन्हें उस स्टिंग ऑपरेशन की जांच के सिलसिले में बुलाया गया है, जिसमें वे कथित तौर पर विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए रिश्वत देने की पेशकश करते नजर आए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई ने रावत को अगले सोमवार को आने को कहा है। बता दें कि राज्य में केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के बाद रावत की कुर्सी चली गई थी। सीबीआई ने ऐसे वक्त में रावत को तलब किया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा कि उन्हें विधानसभा में शक्ति परीक्षण का मौका मिलना चाहिए। स्टिंग के सामने आने के बाद रावत ने पहले तो इसके फर्जी होने का दावा किया था। बाद में उन्होंने कबूला कि वीडियो में वही दिखे थे। हालांकि, रावत ने यह भी कहा था कि किसी पत्रकार से मिलना गुनाह नहीं है और अगर वे दोषी पाए जाते हैं तो सार्वजनिक तौर पर फांसी पर चढ़ाए जाने के लिए तैयार हैं।
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उत्तरखंड हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए राष्ट्रपति शासन को हटा दिया था। हालांकि, बाद में केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्टे लगा दिया। मामले पर फिलहाल सुनवाई चल रही है। रावत और कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी सत्ता की शक्ति का गलत इस्तेमाल कर रही है। वहीं, बीजेपी का कहना है कि उत्राखंड में संवैधानिक संकट पैदा हो गया था, जिसकी वजह से राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा।