उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद उत्तराखंड में युवाओं ने राज्य की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। छात्र और युवा सड़कों पर हैं और जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच, राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पेपर लीक को लेकर बड़ा बयान दिया है।
पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उत्तराखंड में नकल जिहाद की कोशिश को कभी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
सीएम ने कहा कि बेरोजगार अभ्यर्थियों के हित सर्वोपरि हैं और उनके हितों को सुरक्षित रखते हुए ही जरूरी फैसला लिया जाएगा।
UKSSSC पटवारी पेपर लीक मामले में पुलिस को मिली बड़ी सफलता
धामी ने बुधवार को कहा, “राज्य सरकार ने नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए देश का सबसे सख्त कानून लागू किया है और पिछले 4 सालों में 25000 से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली हैं। राज्य सरकार ने पिछले 4 सालों में 100 से ज्यादा नकल माफियाओं को जेल के पीछे पहुंचाने का काम किया है लेकिन कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है।”
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “कोचिंग और नकल माफिया एक होकर राज्य में नकल जिहाद छेड़ने और अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक उनकी सरकार सभी नकल माफियाओं को मिट्टी में नहीं मिला देती, तब तक चैन से नहीं बैठेगी।
क्या है पूरा मामला?
पेपर लीक के मास्टरमाइंड खालिद मलिक को हरिद्वार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उससे लगातार पूछताछ की जा रही है। खालिद की बहन साबिया को भी गिरफ्तार किया गया है। 21 सितंबर को UKSSSC ने 416 पदों के लिए स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा कराई थी। इस दौरान हरिद्वार के बहादुरपुर जट स्थित आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज से पेपर के तीन पेज के फोटो लीक हो गए थे और यह इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गए थे।
खालिद इस कॉलेज में एग्जाम देने गया था और आरोप है कि उसने परीक्षा केंद्र से अपनी बहन साबिया को पेपर की तीन तस्वीरें भेजीं। साबिया ने ये तस्वीरें खालिद मलिक के दोस्त सुमन को भेजीं ताकि वे सवालों को हल करवा सकें।
टेंडर का खेल, बालकृष्ण का नाम…
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि टिहरी के एक कॉलेज में प्रोफेसर सुमन ने प्रश्नों को सॉल्व किया था लेकिन उत्तर नहीं भेजे और युवा नेता बॉबी पंवार को पेपर के ये फोटो भेज दिए। बॉबी पवार ने इंटरनेट पर इन्हें वायरल कर दिया।
खालिद जब ऋषिकेश में जूनियर इंजीनियर था तब उसकी सुमन से जान पहचान हुई थी। सुमन तब नगर निगम में अधिकारी थी।
राज्य सरकार ने बनाई एसआईटी
जिस कॉलेज में पेपर लीक हुआ, उसके प्रिंसिपल धर्मेंद्र चौहान हरिद्वार में भाजपा के मीडिया प्रभारी हैं। उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि 18 कक्षाओं में परीक्षार्थी थे लेकिन सिग्नल इंटरसेप्ट करने के लिए केवल 15 कक्षाओं में ही जैमर लगे थे। उन्होंने बताया कि खालिद उस परीक्षा हॉल में था जहां जैमर नहीं था। राज्य सरकार ने इस मामले में जांच के लिए एसपी (ग्रामीण) की अध्यक्षता में एसआईटी बनाई है।
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