भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने सोमवार (8 जुलाई) को एक वीडियो जारी किया है। यह वीडियो उन 8 पर्वतारोहियों में से किसी के हेलमेट में लगे कैमरे से शूट हुआ है जिनकी बर्फीले तूफान की चपेट में आने से मौत हो गई थी। इन सभी की मौत नंदा देवी पूर्वी चोटी की तरफ चढ़ाई के दौरान हुई थी। वीडियो पर्वतारोहियों के ‘आखिरी पलों’ को दिखाता है। इनके शवों को बमुश्किल ढूंढा गया था।
क्या है वीडियो मेंः एक मिनट 55 सेकंड का यह वीडियो एक पर्वतारोही के हेलमेट में लगे कैमरे से शूट हुआ है। यह वीडियो मई के अंत में उस समय का है जब पर्वतारोहियों का यह समूह नंदा देवी पूर्वी चोटी की 7434 मीटर की ऊंचाई पूरा करने वाला था। इन पर्वतारोहियों को फिसलन भरी बर्फ की चादर पर कतार में खड़ा देखा जा सकता है। इसी के जरिए उन्हें चोटी पर जाना था। वीडियो में पर्वतारोहियों की मौत से पहले के कुछ दृश्य दिखाए गए हैं।
वीडियोः मौत से पहले की यादें, यूं चढ़ाई कर रहे थे पर्वतारोही
Last visuals of the #mountaineers' team near the summit on unnamed peak near the #NandaDevi east. #ITBP search team of mountaineers found the memory video device at 19K ft while they were searching the area where bodies were spotted. pic.twitter.com/wKr3YtLuWF
— IANS (@ians_india) July 8, 2019
25 मई को हुए थे लापताः आईटीबीपी के अधिकारियों का इस आवाज के बारे में कहना है कि यह हिम-स्खलन या बर्फ के तूफान की ध्वनि हो सकती है, जिसने उनकी जान ले ली। ये पर्वतारोही 25 मई को लापता हो गए थे और तीन जुलाई को आईटीबीपी के कर्मी आठ शवों को नीचे लेकर आए थे।
15 दिनों तक चला शव ढूंढने का सिलसिलाः शवों का ढूंढने का यह सिलसिला 15 दिनों तक लगातार चलता रहा। इस ऑपरेशन को एक गुप्त नाम ‘डेयरडेविल्स’ दिया गया था। आईटीबीपी के हेड क्वार्टर पर एक कार्यक्रम में ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम के 15 सदस्यों को सम्मानित किया गया। आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देसवाल ने सभी को 20-20 हजार रुपए के साथ प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
