उत्तर प्रदेश की जेल में हुए खूनी खेल के बाद अब यूपी सरकार और राज्य की कानून व्यवस्था दोनों ही गंभीर सवालों के कटघरे में हैं। सोमवार (9 जुलाई) को गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी की कोर्ट में पेशी होनी थी। लेकिन उससे पहले रविवार को उसे झांसी से बागपत जेल लाया गया। लेकिन 9 जुलाई की सुबह करीब 6.30 बजे जेल के अंदर ही बजरंगी को 10 गोलियां मार दी गईं। अब गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी की जेल में हुई हत्या के बाद कई सारे सवाल खड़े होने लगे हैं।

पहले से जेल में लाए गए थे हथियार? सोमवार की सुबह जब बागपत जेल के अंदर से गोलियों की तड़तड़ाहट की आवाजें आईं तो सभी हक्का-बक्का रह गए। जेल के अंदर गश्त लगा रहे संत्री और अन्य सुरक्षाकर्मी लगभग दौड़ते हुए मुन्ना बजरंगी की बैरक की तरफ पहुंचे, लेकिन तब तक मुन्ना वहीं ढेर हो चुका था। मुन्ना की हत्या कर हत्यारे ने हत्या में इस्तेमाल किये गये हथियार (बंदूक) को गटर में डाल दिया। सवाल यह है कि जब जेल प्रशासन यह दावा करता है कि जेल में बिना चेकिंग के किसी की एंट्री नहीं होती तो फिर  इतने कड़े पहरे के बावजूद आखिर जेल के अंदर हथियार पहुंचा कैसे? आशंका यह भी जताई जा रही है कि मुन्ना बजरंगी की हत्या एक सुनियोजित साजिश थी और यह हथियार पहले से ही जेल के अंदर लाकर रखे गए थे। ताकि इनका इस्तेमाल सही मौके पर किया जा सके।

मुन्ना का मर्डर किसने किया? जेल के अंदर और बाहर दोनों ही जगहों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था होती है। आखिर मुन्ना के हत्यारे को किसी ने देखा क्यों नहीं? जिस वक्त मुन्ना का मर्डर हुआ कहां थे सभी सुरक्षाकर्मी? झांसी जेल से बागपत लाए जाने के बाद गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी को कुख्यात अपराधी सुनील राठी और विक्की सुनहेड़ा के साथ तन्हाई बैरक में रखा गया था। अब मुन्ना बजरंगी के वकील विकास श्रीवास्तव का आरोप है कि उसके साथ जेल में बंद अपराधी सुनील राठी ने ही मुन्ना बजरंगी की हत्या करवाई है। हालांकि अभी मुन्ना के मर्डरर पर सस्पेंस साफ नहीं हुआ है। इधर जांच अधिकारी बागपत जेल के अंदर पहुंच चुके हैं और इस मामले की गहरी छाबनीन में लगे हैं।

पत्नी ने जताई थी पति की हत्या की आशंका: अभी कुछ ही दिनों पहले मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने आशंका जताई थी कि उनके पति की हत्या हो सकती है। 29 जून को मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने कहा था, “मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक ये बात पहुंचाना चाहती हूं कि मेरे पति की जान को खतरा है। उन्हें उचित सुरक्षा दी जाए। उनके फर्जी एनकाउंटर की साजिश रची जा रही है। यूपी एसटीएफ, पुलिस के अधिकारी और कुछ सफेदपोश षड्यंत्र कर रहे हैं कि उन्हें फर्जी एनकाउंटर में मार दिया जाए।”

जेलर, डिप्टी जेलर सस्पेंड: कई सारे सवालों के जवाब अभी यूपी पुलिस की जांच के बाद सामने आएंगे। जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद बागपत जेल के जेलर, डिप्टी जेलर समेत चार जेलकर्मियों को फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की न्यायिक जांच कराने की बात कही है। उन्होंने माना कि जेल के अंदर ऐसी घटनाएं एक गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि इस मामले की गहराई से जांच कराई जाएगी और जो भी इसमें दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पूर्वांचल का खौफ था: जौनपुर के कसेरूपूरेदयाल गांव का रहने वाले मुन्ना बजरंगी उर्फ प्रेम प्रकाश सिंह का नेटवर्क मुंबई, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और पूर्वी उत्तर प्रदेश में फैला हुआ था। बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद मुन्ना बजरंगी अपराध की दुनिया में दहशत का दूसरा नाम बन गया था। मुन्ना पर दर्जनों हत्या, और लूट के मुकदमे दर्ज थे।